उत्तराखंड में सोशल मीडिया की गतिविधियां सरकार के खुफिया विभाग के रडार पर होंगी। मुख्यमंत्री ने खुफिया तंत्र से जुड़ी एजेंसियों को ताकीद किया है कि वह सोशल मीडिया पर निगाह रखे। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में इसकी तस्दीक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार सोशल मीडिया असामाजिक हो जाता है। उसमें कई ऐसे लोग आ गए हैं जिन्हें देखकर कई बार लगता है कि वो सोशल मीडिया के नाम पर कलंक हैं। वे अपराध कर रहे हैं। इसलिए खुफिया विभाग को सोशल मीडिया पर निगाह रखने को कहा गया है। वे देखेंगे कि कहीं किसी का कोई खास एजेंडा तो नहीं है। खुफिया विभाग की उन पर लगातार नजर लगी रहनी चाहिए। जो अच्छे लोग हैं, उन्हेें शाबाशी मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों की समयबद्ध जांच की वकालत की। विजिलेंस विभाग को गोपनीय के स्थान पर खुले रूप से जांच करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जांच का फायदा तभी होता है, जब वह समयबद्ध हो। अगर वह समयबद्ध नहीं होती है तो कई बार उसके परिणाम भी प्रतिकूल हो जाते हैं। जो अपराधी होता है, वो अपने बचने के तमाम तौर तरीके निकाल लेता है। इसलिए जांच समयबद्ध होनी चाहिए, तभी उस पर प्रभावी कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि करप्शन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि जब मैंने शपथ ली थी, तभी मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कह दिया था कि हम जीरो टालरेंस की नीति पर काम करेंगे। यह तब तक रहेगी जब तक हम हैं। अगर हमारे पास कोई भी तथ्यात्मक जानकारी आती है, उस पर एक्शन करेंगे। हमने एक्शन किए हैं, आगे भी करेंगे।