उत्तराखंड : बीते गुरुवार को रामनगर में एक प्रसव पीड़िता महिला को डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल लेकर जा रहे थे कि तभी एक हाथी ने सरकारी एम्बुलेंस का रास्ता रोक लिया। हाथी रास्ते पर काफी देर तक रोड़ा बनकर खड़ा रहा। हाथी काफी देर तक रास्ते से नहीं हटा और पीड़िता की हालत नाजुक होने लगी जिसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए प्रसूता की डिलीवरी एम्बुलेंस के ईएमटी वाहन में ही करानी पड़ी। आधे घंटे के बाद हाथी वापस जंगलों की ओर चला गया। जिसके बाद जच्चा-बच्चा को एम्बुलेंस के द्वारा सकुशल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बोहरा कोट अमगड़ी की निवासी गीतांजलि को गुरुवार की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। तुरंत ही सरकारी एम्बुलेंस को बुलाया गया। जिसके बाद गीतांजलि को तकरीबन 12 बजे एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल लेकर जा रहा था। आगे पढ़िए
मिली जानकारी के मुताबिक, सीतावनी के पास ही एक हाथी खड़ा हो गया जिससे रास्ता ब्लॉक हो गया। इसके बाद एम्बुलेंस के ईएमटी मदन सत्यवली और शुभम कुमार ने वाहन को तकरीबन 200 मीटर दूर खड़ा रखा। गीतांजलि की हालत खराब होने के बाद दोनों ईएमटी ने समझदारी का प्रदर्शन किया और देरी न करते हुए उसका प्रसव एम्बुलेंस में ही कराया। जिसके बाद गीतांजलि और नवजात बच्चे को सकुशल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डिलीवरी कराने में अमगड़ी की आशा ने भी मदद की जो घटना के दौरान एम्बुलेंस में ही मौजूद थी। परिस्थितियों की देखते हुए उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया और उन्होंने ही वाहन में प्रसव की सलाह दी। तीनों ने गीतांजलि का प्रसव किया जिसके बाद उसको सकुशल अस्पताल पहुंचाया गया। सीएमएस डॉक्टर बीडी जोशी ने बताया कि महिला और नवजात बच्ची की हालत अब स्थिर है।