बीरोंखाल : पूर्व भाजपा विधानसभा प्रत्याशी व पूर्व जिला पंचायत सदस्य कल्पेश्वरी रावत एवं उनके पति यशपाल रावत प्रवासी युवकों को खेती से होने वाले फायदो एवं लघु उद्योगों के प्रति जागरूक करने का कार्य निरंतर कर रहे है। जिससे कई प्रवासी लाभांवित हो रहे है।
गौरतलब है कि श्रीमती कल्पेश्वरी रावत ने सन् 1994 मे बीजेपी सदस्यता ग्रहण की थी। पाँच साल जिला पंचायत सदस्य के रूप में सेवा करने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी की तरफ से महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रही, 2002 मे उन पर विश्वास करते हुऐ उनको बीरोंखाल विधान सभा प्रत्याशी घोषित किया लेकिन वे चुनाव हार गई।
इन दिनों कल्पेश्वरी व उनके पति यशपाल रावत अपने पैतृक गांव में अपने पुराने बंजर पड़े खेतो को पुन: आबाद करके लोगों को इससे होने वाले फायदों के प्रति जागरूक कर रहे है , इन दिनों उन्होंने अपने सारे खेतो मे सभी प्रकार की दालें प्याज, मक्का पहाड़ी मूली, चौलाई ,सीताफल, तोरी, करेला, घीया, खीरा लगाया हुआ है। जो लोग अपने घरबार छोड़कर दूसरे राज्यो में नौकरी के लिए पलायन कर चुके है,वे उनको यह संदेश देना चाहती है कि उत्तराखंड मे रोजगार के अपार अवसर है।
वे लोगों को लघु उद्योग के बारे मे भी जागरूक कर रही है,ताकि उत्तराखण्ड से लोगों का पलायन रुक सके। यशपाल रावत भी अपने बंजर खेतो के क्षतिग्रस्त दीवार को पुननिर्माण कर अपने खेतों को ठीक कर रहे है, मार्च महीने से लेकर अभी तक वे 7 खेतो की क्षतिग्रस्त दीवारों को ठीक कर चुके है, इस उम्र में भी यह समाज को हर अच्छे कार्य के लिए प्रेरित एव जगरूक करने की मुहिम चला रहे है।