उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार को हाईकोर्ट ने एक बार फिर से झटका दिया। नैनीताल हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम के 22 जून के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें प्राईवेट स्कूलों की सुनवाई के बाद निस्तारण के रूप में जारी किया था। उत्तराखंड के प्राईवेट स्कूल में 22 जून के आदेश के बाद से एक बार फिर ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों से फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन अभिभावकों की पीड़ा को देखते हुए शिक्षा सचिव के आदेश को भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने कोर्ट चुनौती दी, जिस पर कोर्ट की डबल बेंच में मुख्यन्यायधीश रमेश रंगनाथ और न्यायमूर्ति आरसे खुल्बे की खंडपीठ ने सुना और 22 जून के शिक्षा सचिव के आदेश पर को निरस्त करते हुए, 12 मई के आदेश को फिर से याथावत रखने के निर्देश दिए है।
12 मई के आदेश के तहत कोई प्राइवेट स्कूल अभिभवकों को फीस के लिए मैसेज न भेजे जाने के आदेश जारी हुए थे, जो फिर ये अब मान्य हो गया है। यानी कि अभिभावकों के लिए राहत की खबर ये है कि उनके पास अब स्कूल से फीस के लिए मैसेज नहीं आएगा और न ही स्कूल फीस जमा करने के लिए दबाव बनाएगा। साथ ही कोर्ट ने 12 मई के आदेश में साफ कहा था कि ऑनलाइन के नाम पर वहीं अभिभावक फीस जमा कर सकते हैं जो प्राइवेट स्कूल की ऑनलाइन पढ़ाई से संतुष्ट हों कोट ने फिर से अभिभवकों की समस्याओं को सुनने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।