कोरोना काल के बीच निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारी भी अब संक्रमण की चपेट में आने लगे हैं। बता दें उत्तराखंड में 6 आशा वर्कर्स में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि संक्रमण का खतरा होने के बावजूद आशा कार्यकर्ता कंटेनमेंट जोन समेत हर क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। फ्रंट लाइन पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा है और इसके गंभीर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले में 6 आशा कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमण के कुल 45 नए केस मिले, जिनमें से 6 केस आशा कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं। जिले में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है।
वहीँ रुद्रपुर सितारगंज कोरोना वॉरियर्स कहे जाने वाले कर्मचारियों को भी संक्रमण ने अपनी चपेट लेना शुरू कर दिया है 12 जुलाई को की गई सैंपलिंग में जहां सितारगंज की 6 आशा कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया है तो वहीं बाजपुर, खटीमा और रुद्रपुर में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है सितारगंज में संक्रमित पायी गईं 6 आशा कार्यकत्रियों समेत जिला ऊधमसिंहनगर में 18 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।
वहीँ सितारगंज कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ड्यूटी में लगे लगभग सभी विभागों के कर्मचारियों की सैंपलिंग की जा रही है जिसके परिणाम चौकाने वाले हैं। अब क्या समझा जाए कि कहीं चूक हो रही है या सुरक्षा उपकरणों की अनदेखी/कमी के चलते ऐसा हो रहा है बहरहाल जो भी हो लेकिन जिस चैन को तोड़ने की बात की जारी थी वह तो अब विकराल रूप धारण करती नज़र आ रही है।