यूपी की कोरोना वायरस हेल्पलाइन सेवा ‘112’ के सभी कर्मचारी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई हैं, जिसके चलते कोरोना वायरस हेल्पलाइन सेवा में कार्यरत आधे से अधिक कर्मचारियों ने अपने आप को सेल्फ़ क़्वारंटीन कर लिया है, वहीँ इस महत्वपूर्ण सेवा कोकुछ वक़्त के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। फ़िलहाल प्रशासन की ओर से अभी इस बात का स्पष्टीकरण नहीं मिला है कि ये सेवा अब दोबारा कब शुरू की जाएगी।
गौरतलब है कि विगत 4 माह से ये हेल्पलाइन सेवा यूपी पुलिस के लिए 1 दिन में 75 हज़ार से अधिक कॉल्स प्राप्त करने वाली व कोरोना महामारी के संकट के निपटारे हेतु काफ़ी हद्द कारगर साबित हो रही थी, बता दें, इस बीच कोरोना संक्रमण से लड़ रहे हेल्पलाइन सेवा के तकनीकी विशेषज्ञों में से एक ब्रजेश गुप्ता अस्पताल के बेड से लगातार काम करते रहे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक़, विगत 20 जून को लखनऊ में इस हेल्पलाइन सेवा के 10 सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी, वहीँ दो दिन बाद ग़ाज़ियाबाद हेल्पलाइन सेवा के 11 सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए, जिसके बाद ‘हेल्पलाइन 112’ के तकनीकी विशेषज्ञ ब्रजेश गुप्ता ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया, लेकिन 20 जून को ब्रजेश गुप्ता भी कोरोना पॉज़िटिव पाए गए।
ब्रजेश गुप्ता के कोरोना संक्रमित होने के चलते 23 जून को ‘112’ हेल्पलाइन सेवा समाप्त कर दी गई थी, इसके बाद 25 जून को कर्मचारियों तादाद को कम कर इस सेवा को फिर से चालू किया गया, कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद ब्रजेश गुप्ता अस्पताल के बिस्तर से लगातार काम करते रहे. वो 48 घंटे के भीतर हेल्पलाइन कॉल सेंटर्स के संचालन को बहाल करने में कामयाब रहे। वहीँ ब्रजेश गुप्ता के साथ ही उनकी पत्नी और उनके दो नाबालिग बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ गए थे, जिन्हें अस्पताल में 17 दिनों के उपचार के बाद घर भेज दिया गया।