सीतापुर : जिले में स्थापित सीतापुर आंख अस्पताल की भूमि पर अतिक्रमण की बात कहते हुए जिला प्रशासन ने सोमवार को अस्पताल परिसर में बने कुछ भवनों पर बुलडोजर चलाकर उसे गिरा दिया। दोपहर करीब 12:23 बजे एसडीएम सदर एसपी शुक्ला के साथ ईओ नगर पालिका अखिलेश त्रिपाठी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। थोड़ी ही देर में दो बुलडोजर व ट्रैक्टर ट्रॉली भी मौके पर पहुंच गई।
प्रशासनिक अमले को देख परिसर में स्थापित कुछ दुकान के मालिक अपनी दुकानें बंद कर मौके से खिसक गए। अस्पताल के भवनों में रह रहे लोगों का कहना था कि बिना नोटिस के कार्यवाही की जा रही है। नेत्र रोगियों के उपचार के लिए वर्ष-1954 में इस अस्पताल की स्थापना हुई थी। संचालन की जिम्मेदारी बस्ती डिस्ट्रिक्ट आई रिलीफ सोसाइटी को दी गई। पदेन अध्यक्ष डीएम व सचिव सीडीओ हुआ करते थे।
शुरुआती दिनों में यह अस्पताल काफी उपयोगी सिद्ध हुआ। प्रत्येक दिन यहां एक हजार से अधिक की ओपीडी होती थी, लेकिन वर्ष-2005 में यहां एक चिकित्सक की लापरवाही से कई लोगों के आंखों की रोशनी चली गई।
इसके बाद इस अस्पताल में लोगों की आमद कम हो गई। धीरे-धीरे यह अस्पताल उपेक्षित हो गया। वर्तमान समय में इसके भवनों में कई कर्मचारियों का परिवार रहता है। उन्हें उम्मीद है शायद अस्पताल के दिन फिर बहुर जाएं। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो इसकी भूमि पर कब्जा किए हैं।
नगर पालिका इस भूमि को अपना बता रहा है। एसडीएम सदर श्री प्रकाश शुक्ला का कहना है कि नगर पालिका की ओर से शिकायत मिली थी, जिसमें यह कहा गया था कि यह अस्पताल पालिका की भूमि में बना हुआ है। काफी लोगों ने कब्जा कर रखा है।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा, बिना नोटिस के हुई कार्यवाही अनुचित है
सीतापुर आंख अस्पताल ट्रस्ट के विधिक सलाहकार डीके शर्मा ने कहा कि बिना नोटिस दिए कार्रवाई की गई है। बताया कि 90 वर्ष के लिए स्थाई रूप से सीतापुर आंख अस्पताल को यह भूमि उपलब्ध कराई गई है। अस्पताल संचालन की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट आई रिलीफ सोसाइटी को दी गई थी। भवन आदि बनाकर उक्त सोसाइटी को संचालन के लिए सौंपा गया था।