त्रिवेंद्र सरकार : आज की कैबिनेट बैठक के अहम निर्णय

0 0
Read Time:6 Minute, 18 Second

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरूवार की सुबह 10ः30 बजे  मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। राज्य सरकार प्रवासियों के रोजगार को लेकर कुछ अन्य योजनाओं पर भी विचार कर रही है, जिन्हें बैठक में मंजूरी मिल सकती है। एकीकृत आदर्श गांव योजना की गाइडलाइन भी सरकार ला सकती है। इस योजना के तहत 95 ब्लॉकों में 1-1 आदर्श गांव बनाया जाना है। 

पूर्व मुख्यमंत्री के बकाया किराया माफी के अध्यादेश को हाईकोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार देने के बाद अब सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए प्रस्ताव कैबिनेट में ला सकती है। सरकार ने इस विषय को लेकर विधिक परामर्श भी लिया है। हाईकोर्ट के निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना ही सरकार के पास एकमात्र विकल्प है।

ऐसा नहीं करने पर पूर्व मुख्यमंत्रियों से करोड़ों का मकान किराया वसूला होगा। इसके अलावा बसों के संचालन को लेकर सरकार निर्णय ले सकती है। सरकार तय कर रही है कि बसों में सोशल डिस्टेसिंग के हिसाब से कितनी सवारियों को बैठने की अनुमति दी जाए। यही नहीं अगर सवारियों की संख्या कम रहेगी तो किराया में वृद्धि भी संभव है।

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गुरूवार को बसों और टैक्सियों के संचालन को लेकर राज्य सरकार निर्णय ले सकती है। सभी जिला संभागीय परिवहन अधिकारियों से फीड बैक लेने के बाद परिवहन सचिव ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को सौंप दिया है। इस प्रस्ताव पर विचार के बाद सार्वजनिक वाहनों के संचालन पर सरकार कोई निर्णय ले सकती है। माना जा रहा है कि विभाग की ओर से कैबिनेट के सामने दो प्रमुख विकल्प रखे जा सकते हैं। 

मसलन, बसों व टैक्सियों को यूपी की तर्ज पर पूरी सवारी के साथ चलने की इजाजत दी जाए या फिर बढ़ा हुआ किराया वसूलने की छूट मिले। परिवहन व्यवसायियों डबल किराया वसूलने की मांग कर रहे हैं। बैठक में उत्तराखंड रोडवेज की बसों के संचालन की संभावना पर भी चर्चा कर सकती है। 

आरटीओ की बैठक में यह तथ्य उजागर हुआ था कि पूरे राज्य में सार्वजनिक वाहनों का संचालन 15 फीसदी भी नहीं हैं। इसकी प्रमुख वजह सोशल डिस्टेंसिंग के चलते वाहनों की क्षमता का 50 फीसदी सवारी ढोने की शर्त है। दूसरी वजह कम सवारी मिलना भी है। घाटे के भय से अधिकांश परिवहन व्यवसायियों ने बसों, टैक्सियों, विक्रम व ऑटो सड़कों पर नहीं उतारे हैं। उन्होंने सरकार के सामने कई शर्तें और मांगें रखी हैं। इन सभी मांगों के बारे में भी कैबिनेट को अवगत कराया जाएगा।

परिवहन व्यवसायियों की मांगे

– वाहनों का मासिक शुल्क दो वर्ष के लिए माफ हो।

– वाहन चालकों व परिचालकों को आर्थिक सहायता।

– दो वर्ष के लिए रोड टैक्स में छूट दी जाए।

– वाहनों का इंश्योरेंस में भी छूट दी जाए।

– 15 साल का समय पूरा कर चुके वाहनों को एक साल और संचालन की अनुमति मिले।

– टैक्सी वाहनों का दो साल का रोड टैक्स, यात्री कर व फिटनेस टैक्स माफ हो।

– यूपी की तर्ज पर वाहनों को उनकी क्षमता के हिसाब से सवारी ढोने दी जाए।

– 50 प्रतिशत सवारी की शर्त पर किराया डबल हो या सरकार घाटे की भरपाई करे।

आज की कैबिनेट बैठक के अहम निर्णय

● मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से डेरी, ठेली, फेली, व्यवसाय दुकानदारों के लिए 50 हजार बेरोजगारों को लोन की 02 प्रतिशत की ब्याज दर बिना गारंटी के राज्य सरकार वहन करेगी।

● मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 20 हजार से अधिक बेरोजगारों को प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से मोटरसाईकिल टैक्सी योजना में 60 हजार रूपये तक का लोन की ब्याज दर 02 वर्ष तक राज्य सरकार देगी।

● नर्स भर्ती नियमावली को मंजूरी

● कोविड अवधि के दौरान संचालित निजी एवं निगम बसों के किराये में सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त के साथ दोगुना किराया की वृद्वि की गई।

● उत्तराखण्ड ऑन डिमांड परिवहन सुविधा के लिए नियमावली बनाई गई। ओला टैक्सी तरीके पर मोबाईल एप से टैक्सी बुक की जा सकती है।

● आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गाइडलाइन को सरल किया गया। इसके अंतर्गत अब छोटे पुल पेयजल लाईन, चैक डेम, स्कूल भवन, सिंचाई नहर सुरक्षात्मक कार्य भी किया जा सकेगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
WhatsApp Image 2022-11-11 at 11.45.24 AM

admin

Related Posts

Read also x