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कविताओं, कहानियों व चित्रों का विशेषांक : लोकसंहिता टीवी
हरेला मानाओ
मेरे दगड़ियों, हरेला मनाओं।
अपने घरो में देवता पुजाओं।
सावन माह में नौ दिन पहले,
परातों में माटी भ लाओं,
मेरे दगड़ियों…………..
आह्वान कर देवो को बुलाओं
पंच अनाजों को छिड़कवाओं।
मेरे दगड़ियों…………..
पूजो जीवन उत्साह मनाओं,
प्रति दिवस जव को निराओं
मेरे दगड़ियों…………..
नवें दिवस पुन: शीश नवाओ,
सब मिल के जवो को गुड़ाओं।
मेरे दगड़ियों…………..
शुभ दिन दसवां आशीष पाओं,
हरेला चढ़ाओं, हरेला भिटाओं
मेरे दगड़ियों…………..
भावना कुकरेती
रा0प्रा0वि0टिक्कमपुर
हरिद्वार