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कविताओं, कहानियों व चित्रों का विशेषांक
वृक्ष लगाओ धरती सजाओ
आओ मिलकर करें,
आज एक संकल्प।।
वृक्ष लगाकर धरती की,
बदले कायाकल्प।।
तापमान तो बढता जाये,
जीवन जीना कठिन हो जाये।।
तरह-तरह के रोग लगाये,
पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाये।।
वृक्ष करते हैं पुकार,
मुझे चा ले हे मानव।।
क्यों मुझ पर खंजर चलाकर,
बन बैठा है तू दानव।।
गर बचा लेगा तू मुझे,
तुझे मैं भी बचाऊंगी।।
एक नहीं दो नही,
पीढियों को तेरी संभालूंगी।।
धरती करती ये पुकार, मत कर मेरा तू संहार।।
पेड़ पौधे गहने है मेरे,
ऊजिनसे होता मेरा श्रंगार।।
आओ मिलकर करें,
आज एक संकल्प।।
वृक्ष लगाकर धरती की, बदलें कायाकल्प।।
इंदु पंवार, प्र0अ0 प्राथमिक विद्यालय,
गिरगांव, पौड़ी गढ़वाल।