रा०इ०का० लमगौण्डी में विज्ञान कौथिग का आयोजन

रा०इ०का० लमगौण्डी में विज्ञान कौथिग का आयोजन
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गुप्तकाशी। बच्चों में वैज्ञानिक संचेतना पैदा करने के साथ ही विज्ञान के रहस्यों को जानने /समझने के लिए जिज्ञासा का अंकुर पैदा करने के उद्देश्य से जनपद में डायट रतूड़ा द्वारा अभिनव नवाचारों के अन्तर्गत विज्ञान कौथिग के आयोजनों की श्रृंखला में राजकीय इंटर कॉलेज लमगौण्डी में विज्ञान कौथिग का आयोजन विज्ञान शिक्षक प्रकाश सिंह मेहता के मार्गदर्शन में किया गया।कौथिग का शुभारम्भ विद्यालय प्रधानाचार्य जोत सिंह नेगी द्वारा किया गया इस अवसर पर प्रधानाचार्य द्वारा बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजन से बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि एवं दृष्टिकोण में वृद्धि होती है,
सभी छात्रों को इस प्रकार के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विज्ञान शिक्षक प्रकाश सिंह मेहता ने डायट रतूडा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करने के लिए यह कार्यक्रम निश्चित रूप से लाभकारी सिद्ध होगा। बताते चलें कि डायट रतूड़ा के प्राचार्य के साथ साथ जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद प्रसाद सिमल्टी के मार्गदर्शन में डायट प्रवक्ता और विज्ञान सन्दर्भ व्यक्ति डॉ० विनोद कुमार यादव ने अलायंस फॉर साइन्स नई दिल्ली के सहयोग से जिले के 14 विद्यालयों में विज्ञान कौथिग की श्रृंखला प्रारंभ की गई है जिसके तहत विभिन्न विद्यालयों में विज्ञान कौथिग का आयोजन करते हुए विद्यार्थियों के साथ आम जन मानस व अभिभावकों में भी विज्ञान के प्रति समझ विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।इसी कड़ी में केदारनाथ विधानसभा के ऊखीमठ विकास खण्ड के रा०इ०का० लमगौण्डी में भव्य रूप से विज्ञान प्रदर्शनी विज्ञान कौथिग का आयोजन किया गया। विज्ञान कौथिग में विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया।कार्यक्रम में बच्चों ने बड़ी उत्साह के साथ स्वयं तैयार किये गए मॉडल्स के बारे में अन्य छात्रों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। निर्मित मॉडल्स में आदर्श चंद्र द्वारा विद्युत जनरेटर, अभ्युदय-विद्युत मोटर,
दिव्यांशु-पेरिस्कोप, आरुल – विद्युत चुम्बक, लघुता- विद्युत परिपथ, अमीषा-आँख की कार्य प्रणाली, आस्था – प्रकाश का परावर्तन, योगिता – प्रकाश का अपवर्तन, सपना – चुंबकीय ट्रेन,
हिमानी – कंकाल तंत्र, श्रेया – अंनत पथ तथा अंशिका द्वारा फेफड़े की कार्य प्रणाली को मॉडल के द्वारा समझाया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के अन्य शिक्षक जगदम्बा प्रसाद बेंजवाल, दीपचंद भारती, संदीप व्यास, अनिल सेमवाल, बालेश कुमारी के साथ साथ विद्यालय के अन्य कर्मचारी व छात्र मौजूद थे।

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