नई दिल्ली: देशव्यापी लॉक डाउन के चलते गरीब व् असहाय प्रवासी मज़दूरों को सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को आदेश जारी किया है ,.इसके विपरीत राज्य सरकारें अपने-अपने बॉर्डर पर अस्थाई शिविर बनाकर मजदूरों को रोक रही हैं. जिस वजह से अब राज्य सरकारों के सम्मुख शिविरों में ठहराए गए मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था कर पाना मुश्किल हो गया है। वहीं मध्यप्रदेश -यूपी बॉर्डर पर जब भूख से तड़प रहे मजदूरों ने प्रदर्शन किया.तो पुलिस ने मानवीयता की साडी हदों को दरकिनार करते हुए उन भूखे और लाचार मजदूरों पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद मध्य प्रदेश के रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर पुलिस ने पलायन कर रहे मजदूरों को रोकना शुरु किया. देखते ही देखते यहां हजारों की भीड़ जमा हो गई. इतनी भीड़ के लिए प्रशासन भी तैयार नहीं था. ऐसे में खाने की मांग करते हुए मजदूरों ने नारेबाजी शुरू कर दी. हालात को संभालने के लिए एसपी आबिद खान भी मौके पर पहुंचे लेकिन ये भी मजदूरों को कोरे वादों की खुराक देकर निकल गए.
लेकिन जब रात 11 बजे तक भी मजदूरों को खाना नहीं मिला तो मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया. हाइवे जाम कर दी गई. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी संख्या पर पुलिस बुला ली गई और फिर पुलिस ने भूखे मजदूरों पर लाठीचार्ज किया.
देश में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. दूसरी तरफ प्रवासी मजदूरों का पलायन भी एक बड़ी समस्या बन गई है. हरियाणा बॉर्डर पर भी प्रवासी मजदूरों और पुलिस के बीच हंगामा और मारपीट हुई. पुलिस ने जब लाठियां भांजी तो मजदूर खेतों की तरफ भागने लगे. इस भागमभाग में मजदूरों के सामान सड़क पर बिखर गए. डंडे से बचने के लिए मजदूर अपनी साइकिल, बस्ता बीच सड़क पर छोड़कर भागे. पुलिस और प्रवासी मजदूरों के बीच झड़प की ये घटना हरियाणा के यमुना नगर के करेड़ा खुर्द गांव की है.
बताया जा रहा है कि पंजाब, चंडीगढ़ से मजदूरों का एक जत्था पैदल अपने गांव जा रहा था. जैसे ही ये लोग हरियाणा के करेड़ा खुर्द गांव में पहुंचे तो पुलिस ने रोक दिया. केंद्र सरकार के आदेश मुताबिक मजदूरों को गांव में ही बने एक शेल्टर होम में जाने के लिए कहा गया. इस बात से नाराज मजदूरों ने सड़क जाम करने की कोशिश की. इतने में गांव के शेल्टर होम में पहले से रोके गए मजदूर भी यहां पहुंचे जिसके बाद हंगामा हो गया.
पुलिस ने मजदूरों को शांत करने की कोशिश की तो मजदूर पुलिस से ही उलझ पड़े. इसके बाद पुलिस ने भी आपा खो दिया. इस लाठीचार्ज में दो-तीन मजदूर घायल भी हुए है. इस झड़प के बाद आला अधिकारियों ने मजदूरों को समझा बुझाकर शेल्टर होम में भेज दिया और सड़क फिर खोल दी गई.