मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौधा लगाकर करी हरेला पर्व की शुरूआत

0 0
Read Time:3 Minute, 5 Second

उत्तराखंड में आज हरेला पर्व मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बरगद का पौधा लगाकर हरेला पर्व की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री रावत ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। हरेला पर्व पर आज पूरे राज्य में करीब 10 लाख पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से देहरादून में 2 लाख 75 हजार पौधे सिर्फ एक घंटे में लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला प्रशासन ने सभी तरह के पौधारोपण की तैयारी की है। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है और सीमित संख्या में लोगों को आमंत्रित किया गया है। हरेला पर्व के तहत साढ़े सात लाख पौधे वन विभाग लगाएगा जबिक ढाई लाख पौधों को लगाने का कार्य उद्यान विभाग के पास है। ऐसे में आज उत्तराखंड में एक साथ दस लाख पौधों को लगाया जाएगा।

हरेला पर्व और उसका महत्व –

हरेला पर्व प्रकृति पूजन का प्रतीक है। कुमाऊं में हरेला से ही श्रावण मास और वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है। हरेला के तिनकों को इष्ट देव को अर्पित कर अच्छे धन-धान्य, दुधारू जानवरों की रक्षा और परिवार व मित्रों की कुशलता की कामना की जाती है। हरेले की पहली शाम डेकर पूजन की परंपरा भी निभाई जाती है। पांच, सात या नौ अनाजों को मिलाकर हरेले से नौ दिन पहले दो बर्तनों में उसे बोया जाता है. जिसे मंदिर के कक्ष में रखा जाता है। दो से तीन दिन में हरेला अंकुरित होने लगता है। सूर्य की सीधी रोशन से दूर होने के हरेला यानी अनाज की पत्तियों का रंग पीला होता है। इसे उन्नति और संपन्नता का प्रतीक माना गया है। परिवार का बुजुर्ग सदस्य हरेला काटता है और सबसे पहले गोलज्यू, देवी भगवती, गंगानाथ, ऐड़ी, हरज्यू, सैम, भूमिया आदि देवों को अर्पित किया जाता है. इसके बाद हरेला पूजन होता है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

admin

Related Posts

Read also x