देहरादून। स्वदेशी जागरण मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रवीण पुरोहित के नेतृत्व में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की। जिस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिये है।
मुलाकात के दौरान स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संघर्षवाहिनी प्रमुख प्रवीण पुरोहित ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बताया कि उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन में आंदोलनकारियों द्वारा दी गई शहादतों, उनके द्वारा झेले गये दमन और अत्याचार को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड की प्रथम निर्वाचित सरकार के मुखिया स्वर्गीय पंडित नारायण दत्त तिवारी ने आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी किया था। उन्होंने कहा कि शासकीय अधिवक्ताओं की लचर पैरवी और लापरवाही के कारण यह शासनादेश एक ऐसी जनहित याचिका संख्या 67/2011 में निरस्त हो गया, जिसकी विषय वस्तु में यह शासनादेश सम्मिलित ही नहीं था। परिणामस्वरूप जहां एक ओर सेवारत 1700 आंदोलनकारी श्रेणी के कार्मिकों की सेवाओं पर भी संकट आ गया है। वही दूसरी ओर परीक्षाओं में सफल घोषित हुए अभ्यार्थी अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी लम्बे समय से 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की बहाली की मांग कर रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच यह मानता है कि मातृभूमि के लिये बलिदान देने वालों और संघर्ष करने वालों के प्रति समाज और सरकार को कृतज्ञ होना चाहिए, इसलिए उनकी इस मांग से मंच स्वयं को सम्बद्ध करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि कण्वाश्रम को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थान के रूप में चयनित किया गया था, परन्तु वहां विभिन्न कारणों से कार्य नहीं हो पाए हैं, अभी तक वहां सीएसआर फंड के लिए कोई कंपनी का चयन भी नहीं हुआ है, प्रधानमंत्री की सोच थी कि प्रोजेक्ट के लिए बड़ी कंपनिया अपने सीएसआर फंड से जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से ऐसे राष्ट्रीय महत्व, धार्मिक महत्व, प्राचीन जगहों का विकास करेगी, परंतु कोरोना के कारण विभागों के बीच तालमेल नहीं होने, विभागों की लापरवाही आदि कई कारण से विकास कार्य रुक गए हैं। उन्होंने कहा कि कण्वाश्रम के हाईकोर्ट में भी मामला होने के कारण सब कार्य गलतफहमी की वजहों से अटक गए, जबकि जिस विषय पर मामला नहीं है। वहां तो कार्य होना चाहिए, वहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा वहां मिली मूर्तियां के लिए उत्खनन कार्य भी शुरु नहीं किया है। जबकि निर्देश दिया गया था कि कण्वाश्रम संपर्क मार्ग के निर्माण की योजना स्वीकृति शासन इस तर पर लंबित है। इस अवसर पर प्रवीण पुरोहित ने विशेष रूप से कण्वाश्रम में सौन्दर्यीकरण विकास कार्य हेतु स्वजल द्वारा किसी कंपनी के सीएसआर फंड से अथवा नमामि गंगा योजना में शामिल कर कार्य करवाने, संपर्क मार्ग निर्माण करने, मालान-खो नदी के बाढ़ सुरक्षा कार्य जो भारत सरकार और राज्य सरकार से होने है, कण्वाश्रम घाट सौंदर्यीकरण, सुरक्षा दीवार बनाने का भी निवेदन किया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सब्सिडी से लेकर विभिन्न विषयों पर जल्दी निर्णय लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि डिग्री कॉलेज खेल मैदान से लगी वन भूमि के हस्तांतरण का विषय अभी तक नहीं हुआ है। इस दौरान प्रवीण पुरोहित ने मुख्यमंत्री से कीटनाशकों के सरकारी टेंडर में अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड की कंपनी को भी प्रतिभाग करने का मौका देने के लिए निवेदन किया है। साथ ही विभाग संयोजक नरेंद्र रावत और मेहरबान सिंह रावत ने जल जीवन मिशन में आ रही दिक्कतों को बताया। उन्होंने कहा कि गाय पालन कर रहे लोगों को राहत देने का निर्णय अब शासन स्तर पर लंबित है, इस विषय में जल संस्थान से प्रस्ताव बनकर शासन को चला गया है, एक तरफ तो स्वरोजगार बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं में सरकार सब्सिडी दे रही हैं। वहीं दूसरी तरफ गाय पालन कर रहे लोगों को जल संस्थान द्वारा कमर्शियल बिल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार सहित उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से कई जगह से इसकी शिकायत आ रही है, जिसको कमर्शियल की जगह समान्य बिल पर जनहित में फैसला अतिशीघ्र किया जाये। साथ ही कोटद्वार नजीबाबाद की दयनीय स्थिति बनी हुई है, जिस कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। उस पर भी विचार किया जाए। इस अवसर पर प्रवीण पुरोहित ने बताया कि कोटद्वार में राज्य आंदोलनकरियों की मृतक पेंशन में बहुत देरी हो रही है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर स्ट्रीट लाइट, बिजली के पोल की आवश्यकता, गंदे पानी की समस्या, कोटद्वार में बन्दरों से हो रही दिक्कतों आदि विषयों पर बातचीत कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही स्वदेशी के कार्यकर्ताओं ने मेले में दिए गए सहयोग के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रांत संयोजक सुरेन्द्र, प्रवीण पुरोहित, क्रांति कुकरेती, अंबुज शर्मा, मेहरबान सिंह रावत, नरेंद्र रावत, आधार, सतपाल रावत आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री से मिला जागरण मंच का प्रतिनिधिमण्डल

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