देशभर में लॉक डाउन के चलते एक तरफ जहाँ सड़कें, बाज़ारों में सन्नाटा पसरा हुआ है तो वहीँ कुछ असमाजिक तत्व भी सक्रिय हो चले हैं, लॉक डाउन के बीच एक धोखा धड़ी का मामला सामने आया है जहाँ जम्मू-कश्मीर से मसूरी घूमने आए तीन युवक लॉकडाउन में फंसे गए तो फर्ज़ी एडवरटाइजिंग कंपनी खोल लोगों से ठगी करने लगे। बता दें आरोपितों ने कंपनी के प्रचार के बदले सस्ते दाम में कार दिलाने का झांसा देकर सात लोगों से तकरीबन 12 लाख रुपये ठगे और चम्पत हो गए। हालांकि, ठगी किये जाने का मामला जैसे ही पुलिस के संज्ञान में आया तो पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी जिसमें दो आरोपितों की दिल्ली से गिरफ़्तारी हो चुकी है, वहीं गिरोह का सरगना अभी भी फ़रार है।
वहीं, डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू के नानकनगर का रहने वाला उदित चड्ढा, गुर्जर नगर निवासी सोहेल और कैनाल रोड निवासी राघव गुप्ता बीती 09 मार्च को मसूरी घूमने आए थे। तीनों यहां एक होटल में ठहरे थे। इसी बीच 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हो गई और तीनों यहीं फंस कर रह गए। कुछ दिनों तक तो दोनों युवक होटल में ही रहे, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने और होटल बंद होने पर दोनों युवकों ने सेवलाकलां में फ्लैट किराये पर ले लिया। जेब में बचे हुए पैसे खत्म होने लगे तो उन्होंने ठगी कर पैसे कमाने का रास्ता अपनाया।
जिसके बाद तीनों आरोपितों ने देहरादून राजपुर रोड स्थित अपार्टमेंट नीलकंठ आर्किड में 20 हजार रुपये किराये पर एक दुकान ले ली। और दुकान पर इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी का बोर्ड लगाकर दफ्तर खोला और विभिन्न माध्यम से ‘गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम’ का विज्ञापन दिया। इसमें बताया गया कि कंपनी के माध्यम से ग्राहक अपनी मनपसंद गाड़ी उसकी कीमत का महज 20 प्रतिशत भुगतान करके प्राप्त सकते हैं। बाकी की 80 फीसद कीमत का भुगतान कंपनी खुद करेगी। जिसके बदले ग्राहकों को पांच साल तक प्रचार के लिए कंपनी का लोगो वाहन पर लगाना होगा। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली में छापा मारकर दो आरोपितों उदित और सोहेल को एम्स के पास से गिरफ्तार कर लिया, जबकि गिरोह का सरगना राघव फरार होने में कामयाब रहा।