पैठाणी। राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल की बीएड विभागीय परिषद् द्वारा एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय डिग्री कॉलेज पाबौं के बीएड विभाग के प्राध्यापक डॉ0 सौरभ सिंह शामिल रहे।
शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में डॉ0 सौरभ सिंह ने कहा कि अलग-अलग युग व काल के अनुसार शिक्षा का स्वरुप भी बदलता है। वैदिक कालीन शिक्षा तत्कालीन आवश्यकताओं के अनुरूप थीं, जबकि आज की शिक्षा का ज्यादा फोकस सृजनात्मकता और नवाचार पर है। आज संसाधनों पर सभी की समान पहुंच है। लिहाजा, जब तक उसका उपयोग सही और सकारात्मक तरीके से नहीं किया जाएगा, तब तक वह स्वयं और समाज के लिये उपयोगी सिद्ध नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही छात्रों को सृजनात्मकता के लिये प्रेरित कर सकता है। तभी वह एक आदर्श शिक्षक की भूमिका का निर्वहन कर पायेगा। डॉ0 अनिल शाह ने भी उसी तथ्य पर बल देते हुए कहा कि आदर्श शिक्षक अपने छात्रों को जिज्ञासु बनाने के लिये प्रेरित करता है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी ने कहा कि शिक्षक समाज का दर्पण है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए बीएड विभाग परिषद् अपने छात्रों के लिये सदैव नई-नई जानकारियां उपलब्ध कराता है। बीएड विभागीय परिषद् का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि इससे महाविद्यालय में सृजानत्मक और शैक्षिक वातावरण का निर्माण होता है। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ0 प्रवेश कुमार मिश्रा ने कहा कि विभागीय परिषद के इस तरह के नवाचार कार्यक्रमों से प्रशिक्षक छात्र-छात्राओं के ज्ञान में वृद्धि कराता है और उन्हें किताबी ज्ञान के अलावा व्यावहारिक ज्ञान का भी बोध होता है। प्राध्यापक डॉ0 अरविन्द कुमार ने आधुनिक मांग को देखते हुए व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर विशेष बल देने की बात कहीं। इस अवसर पर डॉ0 श्याम मोहन सिंह नेशिक्षा में दर्शन के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी दार्शनिकता को समझाया। कार्यक्रम के अंत में बीएड विभागीय परिषद् के सचिव डॉ0 शिवेंद्र सिंह ने सभी आगन्तुकों व वक्ताओं का आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया।