देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस (पीसीसी) के अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और लगभग 50 अन्य कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ गुरुवार को देहरादून पुलिस ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि के विरोध में धरना देने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के लिए मामला दर्ज किया है। यह केस देहरादून नगर कोतवाली में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस का दावा है कि कांग्रेस के पास इस प्रदर्शन के लिए आवश्यक अनुमति भी नहीं थी। उधर कांग्रेस ने मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। एसएचओ कोतवाली एसएस नेगी ने खबर की पुष्टि की है।
पुलिस के अनुसार, पूर्वानुमति के बगैर ही कांग्रेस नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए और प्रदर्शन के दौराना न तो उन्होंने किसी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया न ही बहुत से नेताओं व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मास्क ही पहने थे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सरकार ने कोरोना महामारी के कारण राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक प्रदर्शनों और धरनों पर प्रतिबंध लागू किया हुआ है।
बाद में कांग्रेस भवन में मीडिया के साथ अनौपचारिक रूप से बात करते हुए, पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने दावा किया कि सरकार कांग्रेस के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई कर रही है और दरअसल भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाना चाहती है और इसी कारण से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार के इस प्रकार के अलोकतांत्रिक दमनकारी एक्शन से कांग्रेसी नेता डरने वाले नहीं हैं और वह बगैर किसी हिचकिचाहट के अपनी जिम्मेदारियों को निभाने और सरकार की विफलताओं को उजागर करते रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि पीसीसी द्वारा किए गए पेट्रोलियम उत्पादों और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस द्वारा मानव श्रृंखला का गठन तथा सार्वजनिक प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा किए घोषित किए गए राष्ट्रव्यापी विरोध का हिस्सा था।