भारत-चीन का लद्दाख के गलवान घाटी पर हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। घटना के बाद चमोली में भारत-चीन सीमा पर सेना अलर्ट हो गई है। उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा है। उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती होने लगी है। चमोली जिला प्रशासन ने भारत-चीन सीमा से लगे बाड़ाहोती और माणापास में स्थानीय चरवाहों को बकरियों के चुगाान की अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इन चरवाहों को क्षेत्र की दूसरी रक्षा पंक्ति माना जाता है।
सेना सूत्रों के अनुसार बॉर्डर पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ाते हुए सैन्य अभ्यास भी किया जाएगा। चीन कई बार बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ कर चुका है। इन जगहों पर दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवान तैनात हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवान पहाड़ों पर पेट्रोलिंग करके चीन की हर हरकत पर नजर रखते हैं।
माणा में सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की यूनिट तैनात है, जबकि माणा से आगे 40 से 50 किलोमीटर भारत तिब्बत सीमा पुलिस की फॉरवर्ड पोस्ट है। बाड़ाहोती इलाके में अब तक 2014 में सीमा क्षेत्र के अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलिकॉप्टर काफी देर तक मंडराते रहे। 2015 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर स्थानीय चरवाहों के सामान नष्ट कर दिए थे।
2016 में सीमा के नजदीक इलाकों के निरीक्षण के दौरान चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ था। 3 जून वर्ष 2017 को बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर 3 मिनट तक मंडराते रहे।
25 जुलाई वर्ष 2017 को सीमा क्षेत्र में चीनी सेना के 200 जवान भारतीय सीमा में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए। 10 मार्च 2018 को बाड़ाहोती में चीनी सेना के तीन हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में 4 किलोमीटर अंदर तक घुस आए। जुलाई 2018 में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे, तब भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ा था।