इच्छा शक्ति से ही कोरोना वायरस को जीता जा सकता है : कोरोना वायरस का क़हर अब पूरे देश में दिखाई देने लगा है। जरूरत है, हम सब को केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करने और जिला प्रशासन का सहयोग करना, खुद को बचाने के साथ-साथ दूसरो को भी इस महामारी से बचने के लिए आगाह करना, तभी हम सब इस महामारी को हराने में सफल हो पाएंगे। कोरोना वायरस की इस महामारी में आम आदमी ही नहीं बल्कि व्यापारियों की भी तबाही आसानी से देखी जा सकती है, रेहड़ी पटरी वाले सड़क किनारे ठेला व अस्थाई दुकानें बनाकर अपना व अपने परिवार का पेट पालने वाले, ऐसे लोगों पर तो कोरोना जीते-जी मौत बनकर टूटा है।
वहीँ, इस लाइलाज़ महामारी के बीच फतेहपुर जनपद के लोगों ने साहस का परिचय दिया है जहाँ उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा जारी गाइडलाइंस का खुलकर पालन किया है, जनपद के लोगों को जिसका फायदा भी मिल रहा है। यह अंतर अन्य जिलों में फैले कोरोना वायरस से तुलना कर समझा जा सकता है। व्यापारियों को अभी और अग्नि परीक्षा देनी है इस अग्नि परीक्षा में मिष्ठान भंडार के व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अभी हाल ही में जिला अधिकारी द्वारा जारी गाइडलाइंस में भी मिष्ठान भंडार के व्यापारियों को नुकसान के आसार दिख रहे हैं। क्योंकि यदि ऐसी दुकाने तीन दिनों तक बंद रही तो तमाम ऐसीमिठाईयां है,जो बर्बाद हो सकती है। फिर भी लड़ना तो हमें इस महामारी से है।प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मंत्र जान है तो जहान है, अपनाकर जिला अधिकारी के निर्देशों का पालन करना भी अपने लिए परिवार के लिए और दूसरों के लिए जरूरी है। तभी तो हम सब मिलकर इस महामारी को हरा पाएंगे।
“हाथ की अलग-अलग उंगलिया जब एक हो जाती है तो मुट्ठी कहलाती है और ताकत में इज़ाफ़ा हो जाता है”, ऐसा ही अलग-अलग बिख़रे लोग जब एकजुट होते हैं तो उसे संगठन कहा जाता है। कहते हैं यदि मुट्ठी और संगठन दोनों मज़बूत है तो फिर हर एक लड़ाई को जीता भी जा सकती है। आज हम सब लोगों को मुट्ठी की तरह संगठन को मज़बूत करना होगा,इस जंग को जीतने के लिए।
मज़बूत इच्छाशक्ति और मजबूत संगठन की बदौलत ही फतेहपुर जनपद में इस महामारी को पैर पसारने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।पैर जमाने की बात तो दूर दूर तक नज़र नहीं आती। कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि कुल 9529 लिए गए सैंपल में आई 8545 रिपोर्ट में से पॉजिटिव लोगों की संख्या 262 है जिनमें से 184 लोग अपना इलाज करा कर घर वापस आ चुके हैं अभी भी 78 एक्टिव केस है जिनकी हालत संतोषजनक है।
“लौट आएंगी ख़ुशियाँ अभी कुछ ग़मों का शोर है
ज़रा संभलकर रहें दोस्तों ये इम्तिहान का दौर है”
घर में रहें, सुरक्षित रहें ।