जानकारी – ब्रह्मिनी मैना के बारे में
तस्वीर – गौरव घनसेला
जगह – कोटद्वार, उत्तराखंड
ब्रह्मिनी मैना अक्सर भारतीय उपमहाद्वीप में जोड़े में नज़र आते हैं। इनके शिखा के बाल काले और डीले होते है अथवा चोंच का ऊपरी हिस्सा पीले रंग तथा तल नीले रंग का होता है। यह पंछी सर्द ऋतू में श्रीलंका में प्रवाशी पँछी के रूप में देखे जाते हैं। अधिकतर ये पँछी फल और कीड़े-मकोड़े पर अपने भोजन के लिए निर्भर रहते हैं।
ब्रह्मिनी मैना मुख्यतः पेड़ों के तने में मौजूद छिद्र में अपना घोंसला बनाते हैं, जिसे बनाने में नर और मादा दोनों का साथ होता है। घोसला बनाने में ये सूखी घास, पंख और कपड़े के टुकड़े इस्तेमाल करते हैं। इनका प्रजनन समय ज्यादातर पंछियों की भाँति मार्च से सितंबर तक रहता है। प्रजनन समय मार्च से सितंबर में होने की वजह से शिशुओं के जन्म बरसात की शुरुआत के साथ ही होता है।