बड़ी बड़ी हस्तियों को अवार्ड पाते हुये हम सभी ने देखा है, लेकिन आपको बता दें एक ऐसा आम इंसान भी है जिसने डाकिया की नौकरी करते हुये समाज सेवा व मानव सेवा को ही परम धर्म माना। यह हैं तमिलनाडू के छोटे से कस्बे में रहने वाले डी. सिवन जिनकी उम्र अब 65 वर्ष की हो चली है और वे अभी हाल ही में पिछले सप्ताह पोस्टमैन के पद से सेवानिवृत हुये है। सोशल मीडिया पर जब लोगों ने डी. सिवन के जीवन के उतार चढाव भरी कहानी पढ़ी तो सभी की आंखे खुली की खुली रह गयीं। फलस्वरूप ये कहानी लोगों के दिलो-दिमाग में घर कर गयी और नतीज़न इस कहानी ने लोगों को आगे साझा करने पर मज़बूर कर दिया। आपको भी उनके बारे में जान कर आश्चर्य होगा।
तो बताते हैं इनके बारे में…
दरअसल, 12 हजार महीना वेतन पाने वाले पोस्टमैन सिवन को खत पहुँचाने के लिये रोज की भांति 15 किलोमीटर तक पैदल सफर तय करना पड़ता था। कई बार तो उन्हे ऐसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरना पड़ता था जहाँ उनका सामना कई जंगली जानवरों से भी हो जाया करता था, बावजूद इसके उनके इरादे और ज्यादा मजबूत होते चले गए।
पोस्टमैन सिवन की इसी जज्बे भरी कहानी से प्रेरित होकर आईएएस सुप्रिया साहू ने उनकी तस्वीर को अपने ट्वीट पर साझा करते हुये लिखा है कि पोस्टमैन डी. सिवन का ये 30 सालो का सफर काफी संघर्षमय रहा है। आगे उन्होंने कहा कि सिवन ऐसे दृढ इच्छाशक्ति के मालिक थे जिन्होंने रास्ते में आने वाली हर परेशानी का सहज होकर सामना किया। उनके लिए राह कभी आसान नहीं थी, वो फिसलन भरे रास्तों, झरनों और सुरंगों में भी राह खोजते हुए लोगों तक उनके खत पहुंचाते थे। हालांकि, पिछले सप्ताह वे सेवानिवृत हो गये। बता दें इस ट्वीट को खबरों में तब्दील होने से पहले ही इसपर 62 हजार से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं ।
यही नहीं एक इंटरनेट यूज़र ने तो यहाँ तक लिख दिया कि इस तरह के कर्तव्यनिष्ठ और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति को ज्यादा नहीे तो पद्मश्री पुरस्कार तो मिलना बनता ही है। जिसके लिये यूज़र ने अपने ट्वीट के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रतिक्रिया देते हुये पोस्टमैन डी. सिवन को पद्मश्री दिए जाने की बात कही है।