नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली संसद में हिंदी भाषा पर प्रतिबन्ध लगाने का मन बना रहे है। सत्ता के खिलाफ भड़की जनता को भटकने के लिए वो अब राष्ट्रवाद का सहयोगी ले रहे है। जनता समाजवादी पार्टी की सांसद और मधेस नेता सरिता गिरी और उनके अपने संसद ने किया विरोध उनके प्रस्ताव का। उन्होंने औली सरकार से पुछा क्या इसके निरदेश चीन से आये है? सीमा विवाद और नागरिकता को लेकर नेपाली सरकार भारत को पहले ही तेवर दिखा चुकी है।
हिंदी को बैन करना नेपाल के लिए आसान नहीं होगा क्योकि नेपाली के बाद वह हिंदी एवं भोजपुरी का उपयोग सबसे ज्यादा है। ऐसा करने से सरकार को काफी बड़ा विरोध देखने को मिल सकता है। सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरमैन पुष्प ने पीएम से इस्तीफे की मांग की है। ऐसा न करने पर पार्टी तोड़ने की चेतावनी दी। पीएम केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है और दो पूर्व पीएम और कई सांसदों ने ओली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जनता कोरोना की अंधेकी करने पर सरकार से जबरदस्त गुस्सा है।