आखिरकार कोरोना की जंग हारा, कोटद्वार का जनमानस

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चन्द्रेश लखेड़ा
 
कोटद्वार : शासन प्रशासन सहित लोगों की अपनी व्यक्तिगत जागरूकता के लाख कोशिशों के बाद आखिरकार कोटद्वार का जनमानस कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी की जंग को हार गया है, कोटद्वार में गाड़ीघाट निवासी एक 61 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो जाने एवं  पहली बार एक ही परिवार में दो लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाये जाने के बाद जहां एक ओर शासन प्रशासन के हाथ पॉव फूल रहे हैं, वही अब स्थानीय लोगों में भी कोरोना संक्रमण का भय सताने लग गया है।
 
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बचाव के चलते देश के प्रधानमंत्री ने मार्च में लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके बाद से कई दौरों के लॉकडाउन में भी कोटद्वार के जनमानस ने धैर्य एवं  जागरूकता का परिचय देते हुए तमाम नियम कानूनों का पालन करते हुए कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण से खुद को बचाये रखा तथा दूसरे लोगों पर भी कोरोना संक्रमण का प्रभाव नहीं पड़ने दिया। लेकिन गोविंद निवासी एक व्यापारी परिवार जब से फरीदाबाद से कोटद्वार क्या लौटा कि उस परिवार ने कोटद्वार के जनमानस में कोरोना संक्रमण का भय एवं दहशत का माहौल बना दिया है, उक्त परिवार ने अपने परिवार को तो संकट में डाला ही है साथ में हजारों लोगों की जान भी खतरे में डाल दी है।
 
हालांकि स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय प्रशासन के द्वार ऐहितियात के तौर पर परिजनों को क्वारंटाइन तो कर दिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि उक्त व्यापारी की जिलापंचायत मार्केट में पर्दो एक कपड़ों की दुकाने भी है, जहां पर कोरोना पॉजिटिव व्यापारी कई दिनों से दुकान में बैठकर व्यापार भी करता रहा। लेकिन अब शासन प्रशासन को पता लगाना होगा कि इतने दिनों में कितने लोगों ने उक्त व्यापारी से सामान की खरीददारी की है, तथा उक्त व्यापारी के साथ काम करने वाले कर्मचारी कितने लोगों के सम्पर्क में आये है। कोरोना पॉजिटिव व्यापारी की पूरी हिस्ट्री की जानकारी प्राप्त करना शासन प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गयी है।
 
यदि समय रहते ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कोटद्वार का जनमानस कोरोना महामारी के चगुंल में फंस जायेगा, जिससे कोटद्वार के जनमानस को स्वास्थ्य सेवाओं के घोर अभाव के चलते कोरोना महामारी के संकट से बाहर निकलना बहुत ही कठिन ही नहीं बल्कि अंसभव भी हो जायेगा। वहीं दूसरी ओर गाड़ीघाट निवासी एक 61वर्षीय व्यक्ति की एम्स हास्पिटल में इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण से मौत भी कई सवाल खड़े कर रहा है, हालांकि प्रशासन ने ऐहितियात के तौर पर मृतक के छह परिजनों को क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया है, लेकिन मृतक के अंतिम संस्कार में कितने लोग शामिल हुए थे, अभी तक किसी को भी इसकी जानकारी नहीं है।  
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