मंत्रिमंडल के निर्णय, राज्य सरकार का बस किराया दुगना करने का फैसला

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अरुण प्रताप सिंहं

देहरादून, 18 जून। मंत्रिमंडल ने गुरुवार को हुई बैठक में कोरोना की अवधि के दौरान निजी बस ऑपरेटरों तथा निगम की बसों के किराय़े दुगने करने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी। सरकार का यह फैसले का जहां एक ओर आमजन की जेब पर भारी पड़ना तय है, दूसरी ओर यह निजी बस ऑपरेटरों व परिवहन निगम की बसों के लिए राहत लेकर आया है।

कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान निजी व परिवहन बसों का संचालन बंद था। इस कारण परिवहन निगम पर आर्थिक बोझ तो बढ़ा ही, निजी बस संचालकों को तो रोटी के लाले तक पड़ गए थे। अनेक बस ऑपरेटर तो बैंकों से बड़े-बड़े लोन लेकर बसों का संचालन कर रहे थे। कोरोना अवधि के दौरान बसों का संचालन बंद होने से उनकी तमाम आमदनी बंद रही जबकि लोन पर ब्याज तो चढ़ता ही रहा।

हालांकि किराये को दुगना करने का फैसला आमजन की जेब पर भारी पड़ सकता है पर इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों के चलते बसों में पहले की भांति यात्री नहीं बैठ सकते। इसलिए किराया दुगना होने पर बस मालिकों की आमदनी दुगनी हो जाएगी यह नहीं कहा जा सकता। कैबिनेट ने अपने फैसले में साफ तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर कोविड अवधि के दौरान ही किराए में इतनी वृद्धि की अनुमति दी है।

कैबिनेट की बैठक सचिवालय में चतुर्थ तल पर हुई थी तथा इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने मीडिया को दी। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट ने आगामी वर्ष हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं तथा संतों के ठहरने व शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था के लिए धन प्रबंधन का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंपने का भी निर्णय किया।

इसी प्रकार एक अन्य अहम फैसला यह रहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत दिशानिर्देशों के सरलीकरण के प्रस्ताव को मंजूर किया गया। सरलीकृत नियमावली के अंतर्गत अब छोटे पुलों का निर्माण, पेयजल लाईन का निर्माण, चैक डेम, स्कूल भवन, सिंचाई नहरों से संबंधी सुरक्षात्मक कार्य भी किए जा सकेंगे।

इसी प्रकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से डेरी, ठेली, फेली, व्यवसाय दुकानदारों के लिए 50 हजार नागरिकों को लोन की 2 प्रतिशत की ब्याज दर बिना गारंटी के राज्य सरकार वहन करेगी। कोशिक ने अन्य फैसलों के बारे में सूचित किया कि राज्य सरकारी एवं सार्वजनिक चीनी मिल के लिए एक एथनौल प्लांट बाजपुर में पी.पी.पी. मोड में 100 के.एल.पी.डी क्षमता का प्लांट बाजपुर में लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सहकारिता नियमावली में संशोधन के तहत अब समिति को एक निश्चित धनराशि की जगह लाभ के आधार पर ट्रेनिंग इत्यादि के लिए प्रदान किया जाएगा। कौशिक ने बताया कि कैबिनेट बैठक में भीमताल केन्द्रीय विद्यालय के 0.25 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए जाने वाले सर्किल रेट 02 करोड़ रूपये को माफ किया गया।

उन्होंने याद दिलाया कि अल्मोड़ा कुंम्ट्रान लिमिटेड के 1999 बंद हो जाने के बाद 11 कर्मचारियों को पुर्ननियोजित हेतु 6 कर्मचारी आपूर्ति विभाग में लगाये गए थे। शेष 5 को भी 2004 तक अवैतनिक मानते हुए सेवाकाल की गणना मानते हुए लाभ दिया जाएगा। बैठक में उत्तराखण्ड मोबाईल टॉवल नियमावली के लिए नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित 500 रूपये किराये की जगह शहरी क्षेत्रों में 100 रूपये एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 50 रूपये निर्धारित किया गया।

एक औपचारिक फैसला जीएसटी के संबंध में भारत सरकार के संशोधन को राज्य सरकार द्वारा भी स्वीकार करने का रहा। खाद्य विभाग में उपविपणन अधिकारी के लिए सेवा नियमावली बनाई गई। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 20 हजार से अधिक नागरिकों को प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से मोटरसाईकिल टैक्सी योजना में 60 हजार रूपये तक का लोन की ब्याज दर 02 वर्ष तक राज्य सरकार देगी।

एक वित्तीय निर्णय यह रहा कि राज्य-कोषी उत्तरदायित्व बजट प्रबंधन के लिए जीडीपी का 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने की छूट दी गई। इस फैसले से वित्तीय घाटा बढ़ने की संभावना है। नर्स भर्ती नियमावली को भी मंजूरी दी गई। उत्तराखण्ड ऑन डिमांड परिवहन सुविधा के लिए नियमावली बनाई गई। ओला टैक्सी तरीके पर मोबाईल एप से टैक्सी बुक की जा सकती है।

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