उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के फैसले ने राज्य का सियासी तापमान इस कंपकंपाती ठंड में बढ़ा दिया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने का आदेश दे दिया है। यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि सभी ओबीसी सीटों को सामान्य माना जाएगा। राज्य की सबसे बड़ी अदालत के इस फैसले से यूपी की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) फंसती दिख रही है। समाजवादी पार्टी (एसपी) ने भगवा दल पर हमला बोल दिया है। दरअसल, बीजेपी के लिए मुसीबत कम नहीं है, ओबीसी जातियों के बल पर पार्टी ने राज्य में सत्ता हासिल की है और लोकसभा में जोरदार जीत। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के कारण पार्टी के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है लेकिन तबतक उसे विरोधियों के लगातार हमले झेलने होंगे। कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्षी दल ने बीजेपी पर हमला कर दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तो सीधे बीजेपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को निशाने पर ले लिया है। उन्होंने कहा कि मौर्य पिछड़े जरूर हैं लेकिन वह पिछड़े की हितों की रक्षा नहीं कर सकते हैं। उधर, रामगोपाल यादव ने भी बीजेपी पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और ओबीसी आरक्षण पर फैसला सरकार की साजिश का नतीजा है।
UP निकाय चुनाव: हाईकोर्ट के फैसले पर बुरी फंसी बीजेपी

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