मौत से लड़ रहे इकलौते बेटे का पैर भी कटा, सिर पर बेटी की शादी, सहारे की टूटी उम्मीद

मौत से लड़ रहे इकलौते बेटे का पैर भी कटा, सिर पर बेटी की शादी, सहारे की टूटी उम्मीद
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 इकलौता बेटा और बेटे से बुढ़ापे में सहारे की उम्मीद लगाए पिता महेश की उम्मीद अब टूटती दिखाई दे रही हैं। मेरठ में 11 फरवरी को हुए एक हादसे ने पूरे परिवार की खुशी को मातम में तब्दील कर दिया। जिस, बेटे से पिता उम्मीद लगाए बैठा था आज वही अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। हादसे में बेटे के दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो गए। जिस कारण चिकित्सकों ने एक पैर का कुछ हिस्सा काट दिया।
11 फरवरी को खरदौनी व महल के बीच में डस्ट से भरे एक ट्रक ने घोड़ा बुग्गी में टक्कर मार दी थी और दूर तक घसीटते हुए ले गया था। इस हादसे में सीताराम, तौफीक, अहजाद, नवेद की मौत हो गई थी। जबकि, रवि पुत्र महेश गंभीर रूप से घायल हो गया था। रवि के पिता महेश तांगे पर गांव-गांव जाकर सब्जी बेचने का कार्य करते हैं। रवि अपने परिवार में इकलौता था। जबकि, उसकी एक बड़ी बहन व एक छोटी बहन है। हादसे में रवि के पैर बुरी तरह जख्मी हो गए थे और उसे मेडिकल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन, अभी तक रवि की तबियत में कोई सुधार नहीं है।
एक पैर का काटना पड़ा हिस्सा
हादसे में रवि के दोनों पैर इस कदर जख्मी हो गए कि उसके पैरों का मांस खत्म हो गया और पैरों की हड्डी दिखने लगी। दो दिन पहले चिकित्सों ने उसके पैर का पंजा काट दिया। सोमवार को चिकित्सकों ने उल्टे पैर का ही कुछ हिस्सा ओर काट दिया। अभी चिकित्सक कुल जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। परिजनों के मुताबिक पैर इस कदर जख्मी हैं कि दोनों पैर काटे जा सकते हैं।
कर्ज पर लेकर करा रहे उपचार
रवि के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद पिता महेश ने 50 हजार रुपये कर्ज पर लेकर रवि का उपचार शुरू कराया। चिकित्सकों की मानें तो उपचार में 10 से 12 लाख रुपये का खर्च आएगा। ऐसे में पड़ोसी व मोहल्ले के लोग सहायता के लिए आगे आए और एक लाख रुपये चंदा इकट्टा कर अस्पताल में जमा कराया। लेकिन इसके बाद भी रुपये पूरे नहीं हो सके।
प्रशासन व जनप्रतिनिध का नहीं सहारा
हादसे के बाद मृतक व घायलों के बीच प्रशासन व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे, लेकिन अब तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी। मृतकों के परिवार को सहायता की बात दूर रवि के परिवार को भी अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी।
पड़ोिसियों ने बताया कि पिता सब्जी बेचकर व रवि शादी में जाकर पैसे इक_ा कर रहे थे। दरअसल, रवि की छोटी बहन की दो माह बाद शादी होनी है। ऐसे में पिता महेश के सामने बेटे के उपचार व बेटी की शादी को लेकर समस्या खड़ी है। पिता महेश ने बेटे रवि को बुढ़ापे का सहारा माना था। लेकिन, इस हादसे के बाद महेश पूरी तरह टूट चुका है। बेटे का पैर कटने के बाद से ही पिता महेश का बुरा हाल है।

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