राजस्थान में गहलोत सरकार को लेकर कश्मकश की स्तिथि बनी हुई है। वहीं उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने सहयोगी विधायकों सहित दिल्ली पहुँचे जहाँ उन्होंने पुराने कांग्रेसी नेता व साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। ग़ौरतलब है कि यह मुलाकात दिल्ली में आज रविवार 12 जुलाई, 2020 को उस वक़्त हुई जब आज के ही दिन शाम 5.30 बजे सचिन पायलट और राहुल गाँधी के बीच मुलाकात तय हुई थी, जबकि चर्चा तो यही थी कि आज शाम 5.30 बजे राहुल गाँधी और सचिन पायलट आपस में मिलने वाले हैं। लेकिन अब मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तो दोनों नेताओं के बीच मुलाकात को लेकर समय तय नहीं हुआ है। और इसके साथ ही राजस्थान सरकार किस करवट लेगी, ये बात भी अभी तक साफ़ नहीं हो पाई है।
सूत्रों से पता चला है कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार की स्तिथि इतनी ख़राब हो चली है कि प्रशासन ने वहाँ सख्ती के नाम पर बॉर्डर ही सील कर दिया। ऊपरी तौर पर तो यही कहा जा रहा है कि ये फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए लिया गया है, लेकिन इसे कांग्रेस के भीतर और बाहरी अंदरूनी फूट को दबाने और विधायकों को बाहर जाने से रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है।
वहीँ सीएम अशोक गहलोत पक्ष के कुछ वफादारों ने आरोप लगाया है कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट लगातार भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं और उनके साथ निरंतर वार्तालाप कर रहे हैं। गहलोत सरकार पर संकट मंडराते हुए देख कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्विटर पर राजस्थान सरकार का जिक्र किए बगैर इशारे में ट्वीट करते हुए दु:ख व्यक्त किया है। शनिवार (जुलाई 11, 2020) को सीएम अशोक गहलोत जब कैबिनेट मीटिंग कर रहे थे तो, बतौर डिप्टी सीएम सरकार के दूसरे बड़े नेता होने के बावजूद सचिन पायलट इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए। कहा गया कि सचिन पायलट दिल्ली मे हैं, इसीलिए वो इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए।