भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा का लाभ उठाकर कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व भारत में घुसने की फिराक में हैं। सुरक्षा एजेंसी को मिले इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद बार्डर पर अतिरिक्त सुरक्षा को टाइट कर दिया गया है। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का मानना है, चीन-लद्दाख सीमा में तनाव के बीच कुछ लोग अराजकता फैलाने के इरादे से नेपाल के रास्ते भारत में आने की कोशिश कर सकते हैं। पिथौरागढ़ जिला की नेपाल से करीब 150 किमी से अधिक लंबी सीमा सटी हुई है। काली नदी ही दोनों देशों के बीच सीमा रेखा का काम करती है। इस नदी से भारत में प्रवेश करने के कई अवैध रास्ते हैं, जहां से लोग काली नदी से ट्यूब के सहारे भारत में आते रहे हैं।
अब सुरक्षा एंजेंसियों को चीन की ओर से इन्हीं अवैध रास्तों से अराजक इरादों के साथ कुछ लोगों को भारत में भेजे जाने की आशंका है। सीमा पर सेना ने अपने जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। सुरक्षा एजेंसियों के जवान दिन और रात के वक्त भी इस सीमा में पहले से ही पहरा दे रहे हैं। सीमा से सटे गांवों के लोगों को भी संदग्धि लोगों के दिखाई देने पर सुरक्षा कर्मियों को सुचना देने के लिए जागरूक किया जा रहा है। यहां के ग्रामीणों को पिथौरागढ़ की नेपाल सीमा पर सुरक्षा का बढ़ता देख चिंता बढ़ रही है।
भारत और नेपाल हमेशा मत्रिता से रहे हैं। दोनों देशों के बहुसंख्यकों की संस्कृति, आस्था एक जैसी होने के कारण सीमांत के गांवों के लोगों के आपस में रोटी बेटी के संबंध रहे हैं। इधर पिछले एक माह से अधिक समय से नेपाली की तरफ से कालापानी विवाद को हवा देने के बाद सीमांत के गांवों के लोग परेशान हैं। वे अपने भवष्यि के लिए भी इस तरह के तनाव को सही नहीं मानते हैं।