गुजरात के दाहोद में फंसे प्रवासीयों ने पुलिस और उनकी गाड़ियों पर पत्थरबाजी की हैं। खबर है कि सैकड़ो मजदूर सड़क पर आ गए और हंगामा करने लगे। गृह मंत्रालय की ओर से आदेश दिया गया है कि जो भी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उन्हें राज्य सरकार की सहमति से वापस भेज दिया जाए। हालांकि पुलिस मजदूरों द्वारा पत्थरबाजी की बात से इनकार कर रही है। दाहोद एसपी ने बताया, कुछ असामाजिक तत्वों ने हमपर पत्थराव किया। हमारी कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई। लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। केस दर्ज किए जा रहे हैं। करीब 40 लोगों को पुलिस ने कस्टडी में लिया है।
Gujarat: Some migrant workers stranded in Khangela, Dahod pelted stones at police. SP Dahod says, “Some antisocial elements pelted stones at us. Some of our vehicles were damaged but there were no major injuries. FIR being registered, more than 40 people detained”. (02.05.20) pic.twitter.com/Q4AsagK2as
— ANI (@ANI) May 2, 2020
गुजरात-एमपी के बाॅर्डर पर टेªन का इंतजार करते मजदूरों की कहानी भी दुखभरी हैं। वह गुजरात में लाॅकडाउन में फंसे थे। जब उनके पास खान-पीना और नकदी खत्म हो गई तो फिर वह वापस अपने यूपी राज्य की ओर चल पड़े लेकिन एमपी बाॅर्डर पर आते ही पुलिस ने इन सभी मजदूरों को रोक दिया और वापस गुजरात जाने का फरमान सुना दिया।
गुजरात से आई यूपी की श्रमिक सोना ने बताया कि हम वडोदरा से आए हैं। हम आजमगढ़(यूपी) जाना चाहते हैं। हम रोज कमा के खाते हैं। अब हमें परेशानी हो रही है तो हम अपने गांव जाना चाहते है। हमारे बच्चे भी साथ में हैं और सास की उम्र ज्यादा हैं। इन मजदूरों की हालात देखने के बाद अफसरों ने अपना अमानवीय चेहरा दिखाया। इसी बाॅर्डर पर गुजरात से आए एमपी के निवासी मजदूरों को उनका आधार कार्ड देखकर आने की अनुमति दी। उनको खाना देकर और मेडिकल जांच के बाद उनके जिलों के लिए तैयार बसों मैं बैठा दिया गया।