वित्त मंत्री :कोयला क्षेत्र में अब प्राइवेट कंपनियों को भी मिलेगा मौका,रक्षा उत्पादन में अब FDI की सीमा बढ़कर हुई 74 प्रतिशत

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने कहा कि हमें हथियारों को लेकर बाहरी मुल्कों पर निर्भरता को कम करने के साथ साथ कुछ हथियारों के आयात में धीरे-धीरे रोकथाम की जाएगी। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर अधिक जोर दिया जाएगा., वित्तमंत्री ने आर्थिक पैकेज दिए जाने की चौथे चरण का आज कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान किया., कहा कि उचित दरों पर अधिक कोयला मिलेगा. कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा और प्राइवेट सेक्टर से जुडी कंपनियों को अवसर प्राप्त होगा। प्राइवेट सेक्टर भी कोयला खदान की नीलामी में शामिल हो सकेगा और उसे ख़रीदकर खुले बाजार में बेच सकेगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि कोयला क्षेत्र में व्यसायिक खनन हेतु आवश्यक प्रतिटन शुल्क की व्यवस्था की जगह राजस्व-भागीदारी की व्यवस्था बनाई जाएगी. खनिज क्षेत्र में निर्बाध खोज-खनन-उत्पादन व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी. 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि आज की घोषणा आधारभूत ढांचा के क्षेत्र में सुधार को लेकर है. शनिवार को आठ क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की गई. रक्षा उत्पादन में जिन हथियारों के आयात पर धीरे धीरे प्रतिबंध लगाया जाएगा उन हथियारों की एक सूची जारी की जाएगी. जिन कलपुर्जों का आयात होता है उनका देश में निर्माण होगा. हथियारों को लेकर विदेशी निर्भरता कम करनी है. कुछ हथियारों का आयात कम होगा.

रक्षा आयुध कारखानों का सामूहिकीकरण किया जाएगा. इसका मतलब निजीकरण नहीं है. इनकी शेयर बाजार में लिस्टिंग की जाएगी. रक्षा निर्माण क्षेत्र में ऑटोमेटिक रुट से 74 फीसदी विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी जाएगी. फिलहाल ये 49 फीसदी है.

विमानन क्षेत्र के लिए तीन फैसले लिए गए. उन्होंने कहा कि पीपीई मॉडल से छह एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे. एयर स्पेस का विस्तार किया जाएगा, अभी 60 फीसदी ही खुला हुआ है. एयर स्पेस के विस्तार से एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे.

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