कोरोना महामारी का काला साया चार धाम यात्रा में तो पड़ा ही साथ ही साथ अब कांवड़ यात्रा में भी पड़ गया है। 6 जुलाई से प्रारंभ होने वाली कांवड़ यात्रा का इस साल संचालन संभव नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार 6 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को इस साल स्थगित कर दी गई है। उत्तराखण्ड पुलिस के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने भी इस बात पर अपनी सहमत दी है कि इस साल कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा का प्रबन्धन संभव नहीं है। हालांकि अभी इस बात की कोई औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की गयी है। लेकिन इस साल कावंड़ यात्रा का आयोजन नहीं किया जा रहा है।
कांवड़ यात्रा के वक्त लाखों शिव भक्त उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब तथा दिल्ली से कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार आते है। यही नहीं कई भक्त तो गंगोत्री से भी कांवड़ लाते है। कांवड़ यात्रा के दौरान प्रतिवर्ष इतनी भारी भीड़ होती है कि प्रशासन को कई रूटों पर सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही को प्रतिबन्धित करना पड़ता है।
कांवड़ यात्रा के आयोजन से पहले सभी पड़ोसी राज्यों की पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मिल कर इसकी योजना तैयार करते है। लेकिन अभी तक इस दिशा में ऐसी कोई पहल नहीं की गयी है। क्योंकि प्रशासन को कोरोना कार्यो से ही फुर्सत नही है। वैसे भी इस भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाना संभव नहीं है। यही कारण है कि इस बार कांवड़ यात्रा का आयोजन कर कोरोना का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता है। इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह का कहना है कि अभी इस पर कोई विचार नहीं किया गया है। लेकिन वर्तमान हालात में यात्रा संभव नहीं है। क्योंकि कोरोना खत्म नहीं हुआ है।