भारत की अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक 29 जून सोमवार को ऐलान किया है, कि उसने कोरोना वायरस पर प्रभावी वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ (COVAXIN) बना ली है। इसके साथ ही कोरोना पर प्रभावी देश की पहली वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण के पहले और दूसरे चरण की मंजूरी भी दे दी गई है। कंपनी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर उसने कोविड-19 के लिए भारत की पहली वैक्सीन को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
कंपनी ने कहा कि अगले महीने से इस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू हो जाएगा। कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सार्स-सीओवी-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित एनआईवी में अलग किया गया और उसे भारत बायोटेक को हस्तांतरित किया गया। घरेलू, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में विकसित किया गया है और बनाया गया है।
दवा नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस स्वदेशी वैक्सीन के फेज-1 और फेज-2 मानव क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि अगले महीने से इस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू हो जाएगा। कंपनी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस स्ट्रेन (सार्स-सीओवी-2 स्ट्रेन) को पुणे स्थित एनआईवी में अलग किया गया और बाद में भारत बायोटेक को हस्तांतरित कर दिया गया।
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, डॉ. कृष्णा एला ने कहा, ‘हम कोविड-19 के खिलाफ भारत के पहले घरेलू स्तर पर विकसित वैक्सीन COVAXIN की घोषणा कर गौरवान्वित हैं। इस वैक्सीन के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी की सहभागिता महत्वपूर्ण रही है। सीडीएससीओ के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से इस परियोजना को स्वीकृति मिल पाई। हमारे आर एंड डी और विनिर्माण टीमों ने इस प्लेटफार्म की दिशा में हमारी खुद की प्रौद्योगिकियों की तैनाती में अथक परिश्रम किया।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रोटोकॉल्स से गुजरते हुए कंपनी ने व्यापक प्री-क्लीनिकल स्टडीज को पूरा करने में अपने उद्देश्य को गति दी। इन अध्ययनों के परिणाम शानदार रहे हैं और अत्यंत सुरक्षित और प्रभावी इम्यून रेस्पॉन्सेस प्रदर्शित किए हैं। बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 5,48,318 लोग मारे गए हैं और 10,161,240 लोग संक्रमित हैं।