देश में फैले कोरोना वायरस की महामारी को लेकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों का अब काग्रेंस करेगी मुखर विरोध-केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को कितना समर्थन करना है, और किस हद तक सरकार की कमियों को उजागर करके अपने लिए सियासी जमीन तैयार करनी है, कांग्रेस ने इस पर अपनी रणनीती बना रही है। इन हालातों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों का ट्रेन किराया कांग्रेस द्वारा देने का पहले ऐलान कर मास्टर स्ट्रोक चला तो बुधवार को पार्टी शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक में मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला किया। इससे यह बात साफ हो गई है कि कांग्रेस अब आंख मूंद सरकार की पिछलग्गू बनने की बजाय कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार की कमियों को लेकर घेरेगी, बता दें कि कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार को आगाह करते रहे, इसके बावजूद देश का प्रमुख विपक्षी दल होने के बाद भी कांग्रेस कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ खड़ी नजर आ रही थी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न सिर्फ उनके द्वारा लॉकडाउन समेत उठाए गए सभी कदमों का स्वागत और समर्थन किया गया था बल्कि यह आश्वासन भी दिया था कि कांग्रेस पूरी तरह कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार के हर प्रयास के साथ है। हालांकि, अब जब देश में कोरोना महामारी के दो महीने होने जा रहे हैं और लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है तो कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक लकीर खींचनी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने लॉकडाउन और उसके बाद की योजना के दौरान गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबिरायों के हितों की उपेक्षा और भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना के दूरगामी प्रभाव के बारे में दूरदर्शिता की कमी के जैसे बहुत सारे मुद्दों के जरिए केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
लॉक डाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों से टिकट का पैसा लिया जा रहा है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक पत्र लिखकर कहा कि मजदूरों के किराये का भुगतान कांग्रेस द्वारा किए जाने की घोषणा करते हुए मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए, सोनिया ने कहा कि जब विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का किराया नहीं लिया गया तो फिर प्रवासी मजदूरों के लिए ऐसी विनम्रता क्यों नहीं दिखाई जा सकती? सोनिया ने कहा कि यह परेशान करने वाली बात है कि संकट की घड़ी में रेलवे प्रवासियों से किराया वसूल रहा है, मजदूरों के पास खाने-पीने और दवा का इंतजाम भी नहीं है और ऐसे में किराया वसूलना गलत है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बुधवार को पार्टी शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमले किए सोनिया ने सरकार से पूछा कि 17 मई के बाद क्या होगा और लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा। सरकार ने लॉकडाउन जारी रखने के लिए क्या पैमाना लागू किया। उसके पास लॉकडाउन 3.0 के बाद क्या रणनीति है, सोनिया ने कोरोना महामारी से निपटने के सरकार की कोशिशों और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और कामगारों को वापस लाने के मुद्दे पर मोदी करारा हमला किया। मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्रियों को भारत सरकार से इस बारे में पूछना चाहिए कि देश को लॉकडाउन से बाहर निकालने को लेकर उसकी क्या रणनीति है।
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा, बिना राज्य सरकारों की सलाह के केंद्र सरकार जोन का वर्गीकरण कर रही है। दिल्ली में बैठे लोग राज्यों की हालत को नहीं बता सकते हैं. जोन बंटवारे में किसी भी राज्य या मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया जाता है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के चलते राज्य में आर्थिक संकट है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से लगातार आर्थिक पैकेज की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है। केंद्र सरकार मदद नहीं करती है तो उनके लिए अपने यहां गरीबों की मदद करना बहुत मुश्किल होगा. इसके अलावा कांग्रेस मुख्यमंत्री मोदी सरकार से आर्थिक पैकेज के लिए पत्र लिख रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुलकर मोदी सरकार के आलोचना कर रहे हैं. राहुल गांधी ट्वीट करने से लेकर अर्थशास्त्री रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी से बातचीत के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर बड़े सवाल किए हैं। इसके अलावा राहुल गांधी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने, उनके खातों में पैसे डालने जैसी लोकलुभावन मांग उठा रहे हैं तो कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने और छोटे मंझोले उद्योगपतियों पर छाए संकट को लेकर भी उन्होंने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने भी अब मोदी सरकार के खिलाफ जुबानी जंग तेज कर दी है।