उत्तराखण्ड जैसें पहाड़ी प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढते जा रहे है। विगत दो दिनों मे 30 से अधिक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज उत्तराखण्ड में मिले हैं। वहीं प्रदेश भर में कोरोना वायरस से संक्रमितों का मामला वृस्पतिवार को यह लेख लिखे जाने तक 132 के आंकड़े तक पंहुच गया है। हालांकि इसमे राहत देने वाली बात यह है कि उत्तराखण्ड प्रदेश में अब तक 53 मरीज अस्पतालों में उपचार कराने के बाद ठीक होकर अपने घरों को भी लौट चुके हैं। उत्तराखण्ड प्रदेश में जब से उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों का राज्य में सरकार के प्रयासों से उनके गृहक्षेत्रों में लौटने का क्रम आरम्भ हुआ है, तब से पूरे उत्तराखण्ड प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों मे लगातार वृद्धि हुई है, पूर्व में केन्द्र सरकार तथा प्रदेश की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार की कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की खातिर बेहतर रणनीति के चलते कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को बहुत ही न्यून्तम कर दिया गया था।
प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरुप महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चण्डीगढ़, दिल्ली आदि दूसरे प्रदेशों के साथ ही उत्तराखण्ड के दूसरे जनपदों मे रहने वाले लोगों सहित प्रवासी उत्तराखण्डियों को उनके गृहक्षेत्रों तक पंहुचाया, लेकिन दिल्ली, हरियाणा के गुरुग्राम तथा महाराष्ट्र से लौटे प्रवासी लोगों के अपने गृहक्षेत्रों मे लौटने के साथ ही इनमें से कुछ लोग अपने साथ कोरोना वायरस का संक्रमण भी साथ ले आये जिससे कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की खातिर अब तक उठाये गये बेहतरीन कदमों, सरकारी की अच्छी रणनीति के बावजूद इन कुछ प्रवासी उत्तराखण्डियों के चलते प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों मे अचानक बढोत्तरी होने लगी है और अधिकतर ये कोरोना वायरस से संक्रमित लोग वही प्रवासी उत्तराखण्डी हैं जो केन्द्र सरकार के निर्देशों के आधार पर प्रदेश सरकार के प्रयासों से अपने अपने गृहक्षेत्रों को लौटे हैं, वहीं कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब चमोली जनपद तथा टिहरी जनपद में भी मिलने आरम्भ हो गये हैं।
इसके साथ ही उत्तराखण्ड के तराई के क्षेत्र ऊधम सिंह नगर तथा सरोवर नगरी नैनीताल में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं, इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण का एक मामला अब पहाड़ी क्षेत्र अल्मोडा के रानीखेत मे भी मिला है, जिससे जाहिर होता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण पर्वतीय क्षेत्रों तक भी भले ही एक आध मामले मे ही सही लेकिन पंहुचा जरूर हैं। उत्तराखण्ड सरकार की यहां इस बात के लिए खुले दिल से सराहना तो की जानी चाहिए कि उसने इस बिषम भौगोलिक परस्थितियों वाले राज्य में दूसरे प्रदेश से आये प्रवासियों को पहले तो बेहतर और आरामदायक परस्थितियों में उनके गृहक्षेत्रों तक कुशलतापूर्क पंहुचाया तथा उन्हें गांव के बाहर ही स्थित सरकारी विद्यालयों को संगरोध केन्द्र बनाकर उन्हें संगरोध कराया गया था उत्तराखण्ड सरकार की नीति और प्रयास बेहतरीन थे, लेकिन अपने गृहक्षेत्रों को लौट रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों मे से कुछ लोग पहले से ही कोरोना संक्रमित होने के बाद उत्तराखण्ड में लौटे हैं। जिसको लेकर प्रदेश सरकार के माध्यम से भी मौजूदा हालात में कोरोना वायरस जांच परीक्षणों की देशव्यापी fस्थति के चलते तथा हजारों प्रवासियों की अपने गृहक्षेत्र वापसी में इन सब की कोरोना जांच करवा पाना भी असभंव है।
हालांकि बाहरी प्रदेशों से लौटे इन प्रवासी उत्तराखण्डियों को अपने गृहक्षेत्र में चौदह दिन के लिए पास के सरकारी विद्यालय में संगरोध मे रखा गया है लेकिन लौट रहे प्रवासियों में से कुछ लोग राज्य में लौटने से पूर्व ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो रखे हैं। उत्तराखण्ड राज्य की दुर्गम भौगोलिक वसावट तथा पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर fस्थति ना होने के चलते जिस तरह से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले हर दिन बढते जा रहे हैं कहीं ना कहीं यह चितां जनक fस्थति तो है किंतु यहां अच्छी खबर यह है कि कुल संक्रमितों मे से अब तक लगभग 54 कोरोना वायरस संक्रमित लोग प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचार कराकर ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं।
।।विभू ग्रोवर।।