भारतीय संस्कृति को अपनाती दुनिया

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भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृतियों मे से एक है। भारत ने दुनिया को ज्ञान,आयुर्विज्ञान, कला, संगीत कई महत्वपूर्ण विधायें दी हैं भारतीय संस्कृति ने योग, तप, ध्यान के माध्यम से निरोग काया निरोग मन और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाया है। दुनिया में कुछ देश बम-बारुद और हिंसक युद्धों में जुटे थे, वहां भारत के तपस्वी मानव जीवन की भलाई के कार्यों और अनुसंधानों में जुटे थे। भारतीय संस्कृति के योग ध्यान और आध्यात्म के प्रति आज दुनिया भर से लोग इससे प्रभावित होकर जुड़ रहे हैं तथा अपना आध्यात्मिक विकास कर रहे हैं। भोगवादी संस्कृति को त्याग कर आत्मोत्थान के मार्ग पर बढते हुए भारतीय परंपराओ से जुड़ रहे हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अब भारतीय संस्कृति के रंग मे रंगा नजर आने लगा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए बेहतर आदतों के तहत भारतीय संस्कृति का कायल दिखाई दे रहा है। भारतीय संस्कृति में जहां किसी भी भद्र पुरुष के अभिवादन के लिए दोनो हाथ जोड़कर ईश्वर को स्मरण कर नमस्कार रूप मे अभिवादन होता है, जिसमें परमेश्वर को नमन किया जाता है तथा दूसरा व्यक्ति भी प्रत्युत्तर मे उसी तरह नमस्कार करता है। भारतीय संस्कृति में मानव तथा प्रकृति को परस्पर जोड़ा गया है। पेड़-पौधे नदियां, वायु, सूर्य, चन्द्रमां सब देने का कार्य करते हैं, ये देवत्व के गुणों से युक्त होते है जिनके संरक्षण के लिए इनको धार्मिक स्वरूप दिया गया तथा हमारे पूर्वजों ने ऋषि मुनियों ने कि किस तरह लोग इनकी स्वच्छता इनकी निर्मलता को बनायें रखे, इनके देवत गुणों के चलते इनके पूजन का विधान किया।

भारतीय संस्कृति में हर पौधे से लेकर वृक्ष तक जिसको भी पूज्य माना जाता है, वह अपने औषधीय, गुणों, ऑक्सीजन प्रदान करने वाले गुणो के चलते पूजनीय बनाये गये जिसके पीछे उद्देश्य था कि लोग इनके गुणो के चलते इनका सम्मान करें संरक्षण करें। वास्तव मे बहुत महान है भारतीय संस्कृति जो वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा का अनुसरण करती है जिसका अर्थ है, “सारी दुनिया एक परिवार के समान है।” परस्पर हाथ मिलाने से संक्रमण का आदान प्रदान होता है, वहीं अभिवादन के लिए नमस्कार मे हाथ ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए जुड़ते हैं। अतः विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अब भारतीय संस्कृति को अपनाने में रुचि दिखा रहा है। इसकी बानगी हमें तब देखने को मिली जब भारत के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅक्टर हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन में बोर्ड चेयरमैन का पद संभाला तो वहां मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन का हरेक पदाधिकारी बरवश बोल पडे़ नमस्ते।

यह सम्मान था महान तथा प्राचीन वैभवशाली भारतीय संस्कृति का हमारे महान ऋषि परंपरा के पूर्वजों का हमारे महान देश भारत का इस भारतीय संस्कृति का। अमेरिका में राष्ट्रपति भवन मे दीपावली का पर्व प्रमुख उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। रूस, फ्रांस, कनाड़ा आदि देशों के लोग भारतीय परंपराओं और अध्यात्म को अपना रहे हैं, क्योंकि भारतीय संस्कृति देने को प्रमुखता देती है। जिसके तहत कि दुनिया और मानवता की भलाई को हम क्या बेहतर दे सकते हैं। आत्मिक उत्थान के साथ आध्यात्मिक उत्थान सर्वे भवंतु सुखिनः केवल भारतीय संस्कृति ही सिखाती है।

।।विभू ग्रोवर।।

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