जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल – टिहरी जिले के नवनियुक्त जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने सरकारी तंत्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के वर्षों से लगते रहे आरोपों पर अब पूर्ण विराम लगाने का बीड़ा उठा लिया है। जनपद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी रहते हुए मंगेश घिल्डयाल ने वहां अपने कार्यों से इतनी व्यापक लोकप्रियता हासिल की थी कि जब उनका स्थानांतरण रुद्रप्रयाग से टिहरी जनपद में हुआ तो रुद्रप्रयाग के लोग उनका स्थानांतरण रुकवाने के लिए आंदोलन पर उतर गये थे तथा कई लोग धरने पर बैठ गये थे। लेकिन जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जब लोगों को समझाया तो वे उनकी बात मान कर आंदोलन तथा धरना समाप्त करने पर राजी हुए तथा जनपद रुद्रप्रयाग के लोगों ने नम आंखो से अपने लोकप्रिय हाकिम को विदाई दी। ये वही आईएएस मंगेश घिल्डियाल हैं जो जनपद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी रहते हुए केदारनाथ यात्रियों के सुख-सुविधाओं उनको यात्रा मार्ग पर हो रही दिक्कतों की जानकरी जुटाने वेश बदलकर केदारनाथ यात्रा मार्ग में घूमते दिखे थे।
वास्तव में इस तरह के विरले अधिकारी बहुत कम है जिनको उनके कार्यों के कारण जनता इतना स्नेह देती है, सम्मान देती है। जनपद टिहरी के जिलाधिकरी पद पर आसीन होने के उपरांत उन्हें सबसे पहले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अपनी छोटी-मोटी नौकरियां छोड़ कर वापस अपने गृहक्षेत्रों को लौटे युवाओं के भविष्य की चिंता थी और इसके लिए उन्होनें कृषि, पशुपालन, औषधीय गुणों युक्त पौधों, मशरुम उत्पादन फल शब्जी उत्पादन पोल्ट्री और डेरी उद्योग के माध्यम से इन युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल के तहत सम्बंधित अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होनें जिला प्रशासन से प्रवासी युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए गांवो की भौगोलिक परस्थितियों के आधार पर योजना बनाने को कहा है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विकास खण्ड स्तर पर कलस्टर के आधार पर स्वरोजगार के लिए डाटा तैयार करें।
टिहरी के कलेक्टर सभागार में जनपद के विभिन्न अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्होनें अधिकारियों को निर्देशित किया कि लापरवाही और जनसमस्याओं की अनदेखी के चलते शासन तक शिकायतें नही जानी चाहिए।उन्होनें अधिकारियों को जनसमस्याओं के यथाशीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का नाम उन अधिकारियों में सबसे ऊपर रखा जाता है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत सख्ती से पेश आते हैं , उन्होनें कहा कि चंद भ्रष्टाचारियों के चलते ईमानदारी से काम करने वाले भी प्रभावित होते हैं, इस तरह के अधिकारियों को उन्होनें सीधी चेतावनी दी है कि अगर आपको लगता है कि आपका वेतन कम है और आपको भ्रष्टाचार करना है तो आप नौकरी छोड़ सकते हैं, लेकिन जनपद टिहरी मे भ्रष्टाचार किसी भी शक्ल मे स्वीकार्य नही है। असल में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल उन प्रवासियों के जीवन स्तर तथा उनके आर्थिक उत्थान को लेकर प्रयास कर रहे हैं जो बाहरी प्रदेशों मे रहकर महज आठ, दस हजार रुपये की नौकरी कर रहे हैं तथा दिन रात हाड़ तोड़ मेहनत के बाद महज इतना भर कमा पाते हैं कि उनकी तथा उनके परिवार का गुजारा बहुत मुश्किल से हो सकता है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल इन प्रवासी युवाओं को उनके क्षेत्र मे ही विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की योजना बना रहे हैं, इससे पर्वतीय क्षेत्रों में जहां रिवर्स पलायन जो कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ही हुआ हो, इसे अवसर के रूप मे उपयोग मे लाते हुए जहां इन युवाओं को स्थनीय स्तर पर ही इन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रहे है, वहीं पलायन के चलते खाली हो चुके पहाड़ के गांवो को फिर आबाद करने की योजना पर कार्य कर रहे हैं और कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अपने गृहक्षेत्रों को लौट चुके ये मेहनतकश, ईमानदार युवा अपनी मेहनत से अपनी लगन से जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के सपनों को तो पूरा कर ही सकते हैं साथ ही अपने को भी आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते हैं और फिर कभी जीवन में कोरोना जैसी आपदा आती भी है तो वे आर्थिक रूप से इतने मजबूत रहेंगे कि उस परिस्तिथि का उन पर कोई असर भी नही पड़ेगा।
।।विभु ग्रोवर।।