अपनी साम्राज्यवादी नीतियों के चलते चीन दुनिया भर के देशों के लिए सरदर्द बन रहा है. चीन की अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद के चलते तकरार बढती जा रही है इसके साथ ही हिंद महासागार मे भी वह अपनी हरकतों से विश्व स्तर पर शांति बिगाड़ने के प्रयासों मे लगा है. हिंद महासागर मे तो संयुक्त राज्य अमेरिका ने उसके कान खींच रखे हैं. अमेरिकी सेना हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार अपने नौ सैनिक बेड़े के जहाजों से इस क्षेत्र मे पैट्रोलिंग करता है तथा चीन की हर हिमाकत पर अमेरिकी युद्धपोत नजरे बनाये हुए हैं असल में हिंद महासागर क्षेत्र से दुनिया के कई देशों के लिए सामुद्रिक परिवहन होता है. हिंद महासागर मे पैट्रोलियम पदार्थों के विशालतम भण्डार हैं तथा चीन की नजर इन प्राकृतिक तेल और गैस के भण्डारों पर लगी है. इसको लेकर चीन कई बार इस बहुराष्ट्रीय उपयोग के क्षेत्र को अपना सामुद्रिक क्षेत्र बतलाता रहता है. चीन के ताइवान, जापान, आस्ट्रेलिया तथा अपने सभी पडौस के देशों के साथ बार-बार टकराव होता रहता है तथा अमेरिकी राष्ट्रपति ने तो अब कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार का जिम्मेदार चीन को बताते हुए उसे उचित सबक सिखाने की घोषणा कर दी है तथा अब यह तय है कि दुनिया की महाशक्ति अमेरिका चीन को उसकी हरकतों के लिए बेहतर सबक सिखाने वाला है यद्यपि इसमें भले ही थोड़ा समय जरूर लग जाए. असल मे अमेरिका की नीति यह है कि चीन से सीधा समरिक युद्ध लड़ने के बजाए उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर उसकी अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया जाए और चीन पर अगर दुनिया के देश आर्थिक प्रतिबंध लगा देते हैं तो वह आर्थिक रूप से कमजोर होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका बहुत कुछ कर सकता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ने अमेरिकन पेशंन फंड से भी अरबों डाॅलर चीन मे लगाया था वह पैसा हमने चीन से वापस ले लिया है और इस तरह की कई कार्य चीन के विरुद्ध अमेरिका कर रहा है. वहीं राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है कि हम चीन के साथ अपने सभी संबध भी तोड़ सकते हैं. दूसरी ओर भारत के साथ भी द्विपक्षीय व्यापार में चीन का लाभंश बहुत अधिक है तथा भारत की पूर्व की सरकारें भी चीन के सामने व्यापार असंतुलन की समस्यायें रखते रहे थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत बारह मार्च को स्थानीय का मुद्दा देश की जनता के सामने भविष्य में स्वावलम्बी भारत बनाने के उद्देश्य से रखा जिसके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उद्देश्य देश को रक्षा उत्पाद तकनीकी औषधि तथा सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करने का है. उन्होनें सीधे-सीधे देश की जनता को संदेश दिया है कि लोकल आर्थात देशी ने ही कोरोना वायरस संक्रमण काल मे देशवासियों की सहायता की है तथा अब देशवासियों को स्वदेशी उत्पादों के संरक्षण तथा समर्थन के लिए एक साथ आना होगा. चीन एक और तो भारत में अपने व्यापार से अरबों अरब की कमाई करता है साथ ही वह भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान का भी सबसे बड़ा समर्थक है. विगत कुछ समय से वह दुनिया का ध्यान कोरोना वायरस के संक्रमण से जानबूझ कर हटाने के उद्देश्य से भारत के साथ सीमा पर तनाव बढाने का उपक्रम कर रहा है. असल में अमेरिका स्पेन आस्ट्रेलिया इटली आदि देशों में इस कोरोना वायरस संक्रमण से लाखों लोगों की मौत हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसका दोष चीन के सिर डाला है उन्होनें चीन पर यह भी आरोप लगाया था कि उसने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अमेरिका को अंधेरे मे रखा तथा वास्तविकता को उजागर नही होने दिया. कोरोना वायरस संक्रमण से अकेले दुनिया की आर्थिक तथा सैन्यशक्ति अमेरिका में ही 80,000 लोग अकारण अपनी जान गंवा बैठे. चीन को उसकी हरकतो के लिए एक बेहतर सबक तो जरूरी है। विभू ग्रोवर।।
चीन पर कसेगी नकेल
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