विभु ग्रोवर
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर लिया है यद्यपि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की खातिर लागू किए गये लाॅकडाउन ने विगत दो महीनों के अंतराल में विशेषकर दिक्कतें महसूस की, लेकिन मानव जीवन बचाने के लिए इसके अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नही था। वहीं अगर बात करें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल की तो अगर महान उपलब्धियों की बात करें दो भारतीय जनता पार्टी के ऐजेंडे मे लम्बें समय से रहे मुद्दे जिनमें जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करना तथा अयोध्या में भगवान रामजन्म भूमि स्थल पर राम मंदिर निर्माण।
भारत में विपक्षी दल जिनमें काग्रेंस, समाजवादी पार्टी,बहुजन समाज पार्टी, लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल, नेशनल कांफ्रेस के फारूख अब्दुला उमर अब्दुला तथा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती , असदुद्दीन ओवैसी आदि नेताओं को विभिन्न मंचो से भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए सुना जाता था कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाना तो छोड़ो इस पर चर्चा तक कराकर दिखा दो तथा अयोध्या में भगवान राम जन्म भूमि स्थल पर बाबरी मस्जिद की जगह राममंदिर निर्माण करने की हिम्मत किसी में नही है तथा भारतीय जनता पार्टी पर विपक्षी दल हमलावर होकर कहते थे कि भाजपा वोट बैंक के लिए राम मंदिर मुद्दे को अनसुलझा रखना चाहती थी ,लेकिन जैसे ही भारतीय जनता पार्टी रिकार्ड बहुमत से सत्ता में आई उसने लगातार अपने मैनिफैस्टो में उठाये गये मुद्दों पर निर्णायक फैसले लेने शुरु कर दिए, जम्मू कश्मीर में अलगाव की निशानी बने जम्मू कश्मीर राज्य को अलग से विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने हटा दिया तथा इसको लेकर गीदड़ भभकी देने वाले आतंकियों को भारतीय सेना जहन्नुंम भेज रही है।
वहीं अलगाववाद की बात करने वाले हुर्रियत कांफ्रेस के नेता जेल मे सड़ रहे है अथवा अपने बिलों मे छुपे बैठे हैं तथा जम्मू कश्मीर अब दो भागों, लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर में विभाजित होकर केन्द्रीय शासन के अंतर्गत दो अलग प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आ चुके हैं।
वहीं अगर बात करें अयोध्या में भगवान रामजन्म भूमि स्थल पर राममंदिर निर्माण की तो उच्चतम न्यायालय के फैसले के आधार पर विवादित स्थल पर भव्य राममंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ और इसको लेकर नाम मात्र की भी हिंसा देखने को नही मिली। जिसको लेकर कुछ विपक्षी दल देश में खौफ का माहौल बनाने का भी प्रयास करते थे कि यहां पर यदि किसी एक समुदाय के पक्ष में फैसला आयेगा तो दूसरा नही मानेगा अथवा इस पर फैसला आने से देश में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ेगा, देश में शांति व्यवस्था बिगड़ेगी आदि-आदि, खैर देश ने देखा कि यदि देश का नेता मजबूत हो तो देश को कमजोर समझने की हिमाकत कोई नही कर सकता और हुआ भी यही,जम्मू कश्मीर से धारा 370 का मुद्दा शांतिपूर्ण ढंग से हट गया तथा अयोध्या में न्यायालय के फैसले के आधार पर रामजन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
यह दो बड़ी उपलब्धियां थीं जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा जीवट का नेता ही कर सकता था।वहीं लैंगिक भेदभाव तथा मुस्लिम महिलाओं के लिए अमानवीय बन चुके तीन तलाक पर भी कानून बनाकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को इस तीन तालाक को गैर कानूनी घोषित करा कर मुस्लिम महिलाओं के शोषण का प्रतीक बन चुके इस तीन तलाक से उन्हें आजादी दिलाई।वहीं केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक फैसला था नागरिकता संशोधन कानून, जिससे पाकिस्तान में मजबूरी मे रह रहे हिंदू समुदाय को जिन्हें वहां के मुस्लिम कट्टरपंथी बहुत तंग करते थे उन्हें भारतीय नागरिकता देकर उनकी जान और इज्जत दोनों की रक्षा करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून लाया गया।
इसके साथ ही किसान सम्मान निधि के रूप में एक और उल्लेखनीय फैसला भी प्रासंगिक है जिसके तहत लघु तथा सीमांत किसानों को वार्षिक छः हजार रुपये की अनुग्रह राशि यद्यपि यह साधारण रूप में छोटी धन राशि है लेकिन सीमांत किसानों को बीज खरीद, विद्युत बिलों के भुगतान में यह लघु राशि बहुत काम आती है। कुल मिलाकर यदि बीते दो माह कोविड़-19 के चलते लाॅकडाउन ना करना पड़ता तो मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों पर बड़े आयोजन तो बनते ही थे।